Good news- उत्तराखंड में वन कर्मियों को पुलिस की तरह मिल सकेगा अतिरिक्त वेतन

देहरादून। उत्तराखंड में वन कर्मियों को पुलिस की तरह अतिरिक्त वेतन मिल सकता है। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने सहायक वन कर्मचारियों की एक माह…

If not applied for Gaura Kanyadhan fill the form now

देहरादून। उत्तराखंड में वन कर्मियों को पुलिस की तरह अतिरिक्त वेतन मिल सकता है। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने सहायक वन कर्मचारियों की एक माह के अतिरिक्त वेतन की मांग पर सहमति जताई है। इसके अलावा वन विभाग के पार्क, सेंक्चुरी और पर्यटक स्थलों में वनकर्मियों और उनके परिवारों को मुफ्त सैर की मांग पर भी उन्होंने हामी दी है।

बताते चलें कि बुधवार को आयोजित सहायक वन कर्मचारी संघ के अधिवेशन में वन मंत्री सुबोध उनियाल अफसर- कर्मचारियों पर जमकर बरसे भी। उन्होंने कहा कि वन विभाग के नियंत्रण में आने के बाद से ज्यादा जंगल बर्बाद हुए और ज्यादा संख्या में वन्यजीवों का शिकार हुआ। इसका सीधा मतलब है कि वन विभाग के अफसर और कर्मचारी ईमानदारी से अपना काम नहीं कर रहे।

इस दौरान उन्होंने कहा कि कर्मचारी अपनी मांगे उठाएं, सरकार उनके हितों की सुरक्षा को हमेशा तत्पर रहेगी। लेकिन, आपको जो जिम्मेदारी दी गई है, उसका ईमानदारी से पालन करो। सिर्फ मांगें उठाकर नौकरी करने से ना तो आप जंगल बचा पाओगे और ना ही वन्यजीवों को सुरक्षा कर पाओगे।

उन्होंने कहा कि हर कर्मचारी और अधिकारी अपने वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी और तमाम सुविधाएं चाहता है। लेकिन, ईमानदारी से कोई काम नहीं करता। उन्होंने सबसे ये भी पूछा कि क्या वन विभाग बनने से पहले जंगल ज्यादा सुरक्षित नहीं थे, पहाड़ और वन्यजीय ज्यादा सुरक्षित नहीं थे। फिर वन विभाग बनाने का क्या फायदा हुआ।

इस दौरान वन कर्मचारियों ने मांग उठाई कि शहीद होने पर 15 लाख मुआवजा मिले, वन दरोगा की शैक्षिक योग्यता स्नातक हो, वन दरोगा का ग्रेड पे 4200 किया जाए। फील्ड कर्मचारियों को आवासीय भता मिले सुरक्षा के लिए हथियार चलाने की अनुमति मिले। जीवनकाल में एक बार निजी प्रयोग के लिए दो घन मीटर लकड़ी मुफ्त मिले।