Folk artists performed protest against government
कुमाऊॅं लोक कलाकार महासंघ ने सरकार पर अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए यहां जनगीत गाकर और नारेबाजी कर अपना रोष प्रकट किया।
सभी लोक कलाकार (Folk artists) यहां चौघानपाटा एकत्रित हुए और सरकार पर जमकर बरसे।
लोक कलाकारों (Folk artists) ने कहा कि कोविड महामारी के कारण इस समय लोक कलाकारों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। और सरकार ने लोक कलाकारों को चार महीने में एक बार 1000 रूपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा कर कलाकारों के साथ छलावा किया है।
कलाकारों ने कहा कि वह विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कार्यक्रम प्रस्तुत कर अपनी आजीविका चला रहे थे लेकिन कोविड महामारी के कारण यह भी बंद हो गया है।
कलाकारों ने कहा कि एक और महंगाई अपने चरम पर है और सरकार कह रही है कि 1 हजार रूपये में कलाकार अपना भरण पोषण करे। कहा कि अगर कलाकार (Folk artists)ही नही रहेंगे तो संस्कृति भी नही बचेगी। इसलिये सरकार को कलाकारों के लिये एक सम्मानजनक धनराशि देनी चाहिये। कलाकारों ने संस्कृति विभाग मे लोक दलों की लंबित धनराशि को तुरंत लोक दलों को प्रदान करने की मांग भी की।
कलाकारों ने कहा कि संस्कृति निदेशालय में सूचीबद्वता से वंचित रह गये कलाकारों (Folk artists) को सरकार अभियान चलाकर सूचीबद्व करें। साथ ही कहा कि कोविड महामारी के कारण लोक कलाकारों की आर्थिक स्थिति बदहाल हो गई है। मांग की कि सरकार कलाकारों की स्थिति के लिये कार्ययोजना बनाकर उस पर अमल करें।
चौघानपाटा में धरने के बाद लोक कलाकारों ने जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित कर अपनी समस्याओं के निराकरण की मांग की। इस मौके पर आर्शीवाद गोस्वामी, दयानंद कठैत, देवेन्द्र भट्ट, गीता सिराड़ी,पूरन राम, विमला बोरा, शीला पंत, ममता वाणी, मनीषा आर्या, नीमा चन्द्रा, गोविन्द बिष्ट, नरेश बिष्ट,ध्रुव टम्टा, रमेश लाल, सुनील तिवारी, राजू गिरी, शेखर कुमार, संदीप नयाल, पंकज कुमार,सुमन कुमार, सुरेश लाल, अरूण तिवारी, अमित बुधौड़ी आदि लोक कलाकार मौजूद रहे।
इधर उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी, पालिका सभासद राजेन्द्र तिवारी, सेवादल के प्रदेश ध्वज प्रभारी संजय दुर्गापाल आदि ने भी कलाकारों की मांग से पूर्ण सहमति जताते हुए सरकार से कलाकारों की मांग को शीघ्र हल करने की मांग की है