यहां कहर बन कर सामने आ रही है दावानल की धधक— चौथी बार लग चुकी है जंगल में आग रहबरी को नहीं है कोई सरोकार

अल्मोड़ा। वनों की रक्षा करने में वन विभाग लाचार सा हो गया है। हवालबाग ब्लॉक के मेहला गांव के आस पास के जंगलों में चौथी…

aag mehala
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अल्मोड़ा। वनों की रक्षा करने में वन विभाग लाचार सा हो गया है। हवालबाग ब्लॉक के मेहला गांव के आस पास के जंगलों में चौथी बार आग लग गई है। चा​हे वन प्रभाग का क्षेत्र हो या सिविल वन लगातार आग से धधक रहे हैं। वनसंपदा राख हो रही है लेकिन वन विभाग के प्रयास शून्य दिखाई दे रहे हैं।लोगों को आश्चर्य इस बात का है कि चार बार आग की चपेट में वन क्षेत्र आ गया है लेकिन वनविभाग अभी तक आग पर नियंत्रण की कोई रूप रेखा तक नही बना पाया। वन विभाग के नक्शे में यह स्थान सोमेष्वर वन क्षेत्र में आता है पातली​बगड़, मेहला, सकार और मेहला गांव के अंदरूनी वन क्षेत्र पिछले कई दिनों से दहक रहे हैं। रात को सोने जा रहे ग्रामीणों को यह चिंता सता रही है कि कहीं आग रात में घरों तक नहीं पहुंच जाए क्योंकि ऐसा एक दो बार हो भी गया है जब नजदीक पहुंच चुकी आग को बुझाने के लिए लोग सुबह चार बजे जंगल की ओर दौड़े हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सोमवार की रात गांव के सामने का जंगल विराट रूप से आग की चपेट में था सारी रात यह जंगल जलता रहा। लोगों के प्रयास भी नाकाफी साबित हुए। कई स्थानों में दिन भर जंगल धधक रहे हैं लेकिन सरकारी मशीनरी यहां तक नहीं पहुंच पाई है। ग्रामीणों के खेत तक आग से जल चुके हैं वहीं पूर्व में किया गया पौधरोपण तक क्षतिग्रस्त हो गया है। लोगों का कहना है कि चार चार बार जो क्षेत्र आग से प्रभावित हो गया है उसे संवेदनशील क्षेत्र में रखा जाना चाहिए था। लेकिन फायर सीजन को केवल जनजागरूकता कार्यक्रम का हिस्सा बनाने वाला वन विभाग धरातल में शून्य नजर आया है।