देहरादून। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की विजिलेंस जांच के बाद अब और मामले भी सामने आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय से कॉलेजों की संबद्धता में भी हुई गड़बड़ी हुई थी।
वहीं आउटसोर्सिंग सेवाओं पर भी बिना अनुमति के लाखों रुपये खर्च किए गए। विजिलेंस ने खुली जांच के बाद जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें 6 बिंदुओं में करोड़ों के घोटाले का जिक्र है।
आरोप है कि अधिकारियों ने किसी भी निर्माण के लिए शासन से अनुमति नहीं ली। आरक्षण के नियमों के साथ छेड़छाड़ की गई और रोस्टर के बिना ही भर्तियां कर दी गईं। साथ ही नीट की परीक्षा के बाद सफल छात्रों को बिना काउंसिल के प्राइवेट कॉलेजों में दाखिला दे दिया गया।