बंदर और सुवरों के आतंक‌ से बर्बाद हो गई खेती(Farming ruined), ज्वलंत मुद्दे पर सोए हैं जनप्रतिनिधि-बिट्टू कर्नाटक

Farming ruined due to terror of monkeys and pigs, public representatives are sleeping on the burning issue – Bittu Karnataka अल्मोड़ा, 08 दिसंबर 2023- उत्तराखंड…

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Farming ruined due to terror of monkeys and pigs, public representatives are sleeping on the burning issue – Bittu Karnataka

अल्मोड़ा, 08 दिसंबर 2023- उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि अल्मोड़ा विधानसभा में काश्तकारों की आर्थिकी(Farming ruined) को पिछले कई सालों से बन्दर और जंगली सूअर भारी नुक़सान पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

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उन्होंने कहा दूसरी ओर गुलदार के आतंक से लोग त्रस्त हैं । लेकिन निर्वाचित जनप्रतिनिधि मौन है और काश्तकार परेशान हैं ।


उन्होंने कहा आज स्थिति यह है कि अल्मोड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों का काश्तकार जिसके जीवनयापन का एकमात्र सहारा पहाड़ी सब्जी,आलू,दालें, मडुआ उगाकर उसे बेचकर अपने परिवार का गुजर बसर करना था आज बन्दर और जंगली सूअरों के कारण तबाह (Farming ruined)हो चुका है साथ ही तेंदुये के आतंक से भयभीत हैं।


ग़रीबी की मार से जूझ रहा काश्तकार जमीन के अन्दर उगने वाला अनाज आलू,प्याज, लहसुन,गढेरी,पिनालू,अदरक तक पैदा नहीं कर पा रहा है।जंगली सूअर जमीन के अन्दर तक खोदकर फसल को तबाह कर रहे हैं। श्री कर्नाटक ने कहा कि काश्तकार बीज खरीदकर बुआई कर खाद पानी डाल रहा है और जंगली सूअर एक रात में ही खेत खोदकर सब बर्बाद (Farming ruined)कर दे रहे हैं।लाभ अर्जित करना तो दूर की बात है काश्तकार का बीज, खाद खरीदने में लगा पैसा भी मिट्टी बन जा रहा है।

उन्होंने कहा कि विधानसभा के नगर क्षेत्र तथा विकास खंड हवालबाग,ताकुला, लमगड़ा, भैसियाछाना, धौलादेवी आदि के काश्तकार आज परेशान हैं। इसके अतिरिक्त तेंदुए के आतंक ने किसानों की कमर तोड़ दी है । अनेकों लोग तेंदुए के ग्रास बन गये तो कई घायल हो गये । फसल की तबाही को देखकर काश्तकारों की हिम्मत नहीं हो रही है कि बीज खरीद कर उसे बो सके। नगर क्षेत्र का यह हाल है कि स्कूली बच्चे स्कूल जाने में बन्दरों के कारण भयग्रस्त हैं ।

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नगर के दुकानदारों को दुकान में जालियां वहलगानी पड़ रही है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में सांयकाल होते ही तेंदुये के भय के कारण लोग अपने घरों में कैद हो रहे हैं ताकि स्वयं अपनी व अपने परिवार की जीवन रक्षा कर सकें। ऐसी विषम व भयभीत स्थिति जनप्रतिनिधियों के लिए बड़ी शर्म की बात है जो इस समस्या का समाधान नहीं कर पाए और वे ही इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं।


लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात है कि बड़े बड़े विकास के दावे करने वाली प्रदेश सरकार और निर्वाचित जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान देना तक उचित नहीं समझ रहे। उन्होंने कहा कि केवल चुनाव के समय जरूर प्रत्याशी के रूप में ये गांव गांव जाकर चुनाव जीतने के बाद बन्दर, सूअरों और तेंदुए की समस्या से निजात दिलाने का झूठा वादा जरूर करते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद बन्दर,जंगली सुअरों और तेंदुए की समस्या से निजात दिलाने में ये हाथ खड़े कर लेते हैं।

उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के बड़े बड़े दावे करने वालों को यह पता तक नहीं कि आज कितने काश्तकार गांवों से पलायन कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा के कितने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने बन्दर, जंगली सूअर और तेंदुए को पकड़ने के लिए अपने स्तर से क्या कदम उठाए ये जनता के सामने स्पष्ट करें।

उन्होंने कहा कि केवल चुनाव जीतकर अपने पांच साल का कार्यकाल खत्म कर फिर से चुनाव में आने वाले ऐसे मतलबपरस्त नेताओं को अब जनता को सबक सिखाना होगा जो जनता के जुड़े मुद्दों से दूर भागते हैं। उन्होंने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से तो अब कोई उम्मीद जनता को रह नहीं गयी है लेकिन यदि पन्द्रह दिनों के भीतर वन विभाग अब बन्दर , जंगली सूअरों व तेंदुए को पकड़ कर अल्मोड़ा वासियों को इससे निजात नहीं दिलाता तो वे वन विभाग के कन्जरवेटर कार्यालय में उग्र प्रदर्शन को बाध्य होंगे।