संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने केंद्र सरकार द्वारा किसान संगठनों के साथ वार्ता करने के फैसले को अपनी बड़ी जीत करार दिया है। एसकेएम ने अनशन कर रहे किसान नेता सरदार जगजीत सिंह दल्लेवाल द्वारा चिकित्सा सहायता लेने के फैसले का स्वागत करते हुए उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
बढ़ती किसान एकता से सरकार पर दबाव
एसकेएम ने कहा कि किसानों की एकजुटता और अखिल भारतीय संघर्ष ने सरकार को वार्ता के लिए मजबूर किया। एसकेएम के मुताबिक, यह किसानों की लंबे समय से चली आ रही मांगों और उनके संघर्ष की सफलता है।
धरने की जगह सांसदों को ईमेल से ज्ञापन
20 जनवरी 2025 को प्रस्तावित सांसदों के आवास,कार्यालय के सामने धरने की योजना में बदलाव करते हुए अब प्रधानमंत्री को सांसदों के माध्यम से ईमेल द्वारा पत्र भेजने का निर्णय लिया गया है।
26 जनवरी को होगी ट्रैक्टर रैली
एसकेएम ने 26 जनवरी को अखिल भारतीय ट्रैक्टर/वाहन/मोटरसाइकिल परेड आयोजित करने की घोषणा की है। यह परेड सरकार पर तथाकथित एनपीएफएएम (राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति रूपरेखा) के जरिये लागू की जाने वाली किसान विरोधी नीतियों को वापस लेने का दबाव बनाएगी।
सरकार पर आरोप
एसकेएम ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार एनपीएफएएम के माध्यम से कृषि भूमि, खाद्य आपूर्ति श्रृंखला और खाद्य सुरक्षा को कुछ कॉरपोरेट्स को सौंपने की योजना बना रही है। यह नीति किसानों के हितों के खिलाफ है, जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आगामी रणनीति
एसकेएम की अगली आम सभा 24 जनवरी 2025 को दिल्ली में होगी, जिसमें आगे की कार्ययोजना घोषित की जाएगी। एसकेएम ने किसानों से अपील की है कि वे केंद्र सरकार के खिलाफ अपने आंदोलन को मजबूत बनाएं और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों।