Farmers and common people are opposed to agriculture bill – former speaker Kunjwal accused
अल्मोड़ा, 25 सितंबर 2020— पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व जागेश्वर विधायक गोविन्द सिंह कुंजवाल ने केन्द्र सरकार के कृषि बिल को कृषक और आम जनता विरोधी है।
उन्होंने कहा कि यह कोई एग्रीकल्चर रिफार्म नहीं है।इस बिल का मुख्य उद्देश्य उद्योगपतियों के लिए थोक खरीद करना,कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग/टारगेट फार्मिंग करना,किसानों की जमीन का अधिग्रहण करना,कृषि को लाइसेंस मुक्त करना,कृषि में एफ डी आई का रास्ता साफ करना,कृषि की सारी सब्सिडी खत्म करना है।
कुंजवाल ने कहा कि एक साजिश के तहत एग्रीकल्चर टैक्स का रास्ता बनाना,सट्टा ट्रेडिंग के बाजार को व्यापक बनाना,एफ सी आई को लगभग प्रभावहीन कर देना तथा भूमिसुधार प्रक्रिया को खत्म करने के लिए ही इस बिल को लाया गया है।
कुंजवाल ने कहा कि यदि यह बिल अच्छा है तो अध्यादेश लाने से पहले सरकार ने सदन में इस बिल की चर्चा करानी चाहिए थी।उन्होंने कहा कि जब किसान ही बिल के खिलाफ है तब बिल की अच्छाई पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है।भारत मे कृषि सुधार जरूरी है पर कृषि का स्टेकहोल्डर पूरा देश है।महामारी के इस दौर में हर व्यवस्था चरमरा चुकी है। व्यवस्था को मजबूत किए बिना कोई भी सुधार बेमानी है।
उन्होंने कहा कि कृषि लाइसेंस मुक्त हो,एफडीआई भी आये यह पूरा देश चाहता है पर प्रधानमंत्री मोदी कहा हर तथाकथित रिफार्म कुछ उद्योगपतियों के लिए होता है। और देश की अर्थव्यवस्था को खत्म कर देता है।उन्होंने कहा कि एक चर्चित कंपनी का रिलेट व्यापार में आना और यह कृषि बिल का पास होना दोनो काफी हद तक जुड़े हुए लगते है।
कहा कि भारत मे रिटेल व्यापार एक ‘अघोषित मोनोपोली’ की ओर बढ़ रहा है।भारत में जनता की सोशल सिक्योरिटी, एनर्जी सिक्योरिटी,जॉब सिक्योरिटी खत्म की जा चुकी है।ये कृषि बिल जनता की ‘फूड सिक्योरिटी’ और ‘राइट टू फूड’ को खत्म कर देगा।
पत्रकार वार्ता में कांग्रेस जिलाध्यक्ष पीताम्बर पांडे,नगर अध्यक्ष पूरन सिंह रौतैला, महिला जिलाध्यक्ष लता तिवारी,जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष तारा चन्द्र जोशी,जिला प्रवक्ता राजीव कर्नाटक, जिला सचिव दीपांशु पांडे,क्षेत्र पंचायत सदस्य शेखर पांडे,रमेश बिष्ट, भैरव दत्त, मनोज रावत आदि उपस्थित थे।