काश्तकारों को सिखाया अदरक से कैसे बनता है सौंठ

काश्तकारों को सिखाया अदरक से कैसे बनता है सौंठ

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उत्तरा न्यूज अल्मोड़ा:- जीबी पंत सतत् विकास संस्थान कोसी कटारमल के सामाजिक एवं आर्थिक विकास केंद्र की ओर से चलाई जा रही इन हाउस परियोजना एवं राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन के संयुक्त सहयोग से काश्तकारों को अदरक से सौंठ बनाने का प्रशिक्षण दिया गया|

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यह कार्यक्रम कोसी स्थित ग्रामीण तकनीकि परिसर में आयोजित किया गया| इस एक दिवसीय प्रशिक्षण में किसानों को अदरक से सौंठ बनाने के साथ ही अदरक के बीज सुरक्षित की विधि भी बताई गई।

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प्रशिक्षण में 10 गांवों के 60 किसान शामिल रहे। गोविंदपुर के मसाला लघु उद्योग केंद्र के प्रभारी भगवत सिंह ने कहा कि अदरक से सौंठ बनाने में बहुत कम लागत लगती है।कहा कि 7-10 दिन में सौंठ आसानी से तैयार हो जाता है। एक बार सौंठ तैयार होने पर 2-3 साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि बाजार में अदरक से सौंठ की 3-4 गुना अधिक कीमत मिलती है। जिससे काश्तकार अदरक का उत्पादन अधिक मात्रा में कर आजीविका बढ़ा सकते हैं।

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कार्यक्रम में ग्वालाकोट की समूह अध्यक्ष हेमा देवी ने कहा कि अदरक को जंगली जानवर भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं इसलिए अदरक का उत्पादन लाभकारी साबित हो सकता है| संस्थान की महिला वैज्ञानिक डा. दीपा बिष्ट ने पहाड़ में अदरक की खेती के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर एनएमएचएस परियोजना के परियोजना प्रबंधक डा. डीएस चौहान, तकनीकि विशेषज्ञ डीएस बिष्ट, वरिष्ठ रिसर्च फैलो मुकेश देवराड़ी, इन हाउस परियोजना के परियोजना सलाहकार दीप्ति भोजक, महेश राम, संजीव कुमार, नरेंद्र मेहता, गजेंद्र आदि सहित किसान मौजूद रहे।
महिला हाट के राजेन्द्र कांडपाल ने बादार में अदरक व सौंठ की मांग की जानकारी दी और काश्तकारों से मांग के अनुरूप आपूर्ति कर अधिक लाभ कमाने को कहा|