अगर आप भी ऑनलाइन नौकरी ढूंढ रहे हैं, तो जरा संभलकर रहें। देहरादून साइबर पुलिस ने एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए दिल्ली से दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। ये ठग नौकरी के नाम पर लोगों से मोटी रकम वसूलते थे। खास बात यह है कि इस रैकेट का कनेक्शन दुबई, चाइना और पाकिस्तान तक फैला हुआ है।
कैसे हुआ यह फर्जीवाड़ा?
मोहब्बेवाला, देहरादून के एक युवक ने naukri.com के नाम पर 23 लाख रुपये गंवा दिए। उसने जून 2024 में पुलिस को शिकायत दी थी कि नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन करते ही उसे व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाले ने दावा किया कि उसका रिज्यूम naukri.com से मिला है। पहले 14,800 रुपये रजिस्ट्रेशन के लिए मांगे गए।
इसके बाद Skype पर इंटरव्यू हुआ और यह यकीन दिलाया गया कि उसे नौकरी मिल गई है। लेकिन फिर दस्तावेज़ वेरिफिकेशन, वीजा, IELTS परीक्षा और जॉब सिक्योरिटी के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में पैसे जमा कराने को कहा गया। युवक ने अपनी मेहनत की कमाई इस ठग गिरोह के हवाले कर दी। जब उसने पैसे वापस मांगे तो ठगों ने उसे तीन महीने इंतजार करने की बात कही।
कैसे पकड़े गए साइबर ठग?
साइबर पुलिस ने पहले अगस्त 2024 में तीन आरोपियों—अलमास आज़म, अनस आज़म और सचिन अग्रवाल को दिल्ली से गिरफ्तार किया। अब दो और आरोपी—रवि ढींगरा और हरपाल सिंह—को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके पास से 17 मोबाइल फोन, 3 लैपटॉप और दर्जनों सिम कार्ड बरामद हुए हैं।
चौंकाने वाले खुलासे:
एसटीएफ के एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि इस गिरोह का चाइना और पाकिस्तान से भी सीधा कनेक्शन है। आरोपियों के फोन में व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर बैंक खातों की डिटेल्स, यूपीआई आईडी, QR कोड और क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन से जुड़े सबूत मिले हैं।
कैसे बचें ऐसी ठगी से?
- नौकरी के नाम पर अगर कोई रजिस्ट्रेशन फीस मांगे तो सतर्क हो जाएं।
- अनजान व्हाट्सएप नंबर या ईमेल पर मिले लिंक पर क्लिक न करें।
- क्रिप्टोकरेंसी या विदेशी खातों में पैसे ट्रांसफर करने से पहले जांच-पड़ताल जरूर करें।
- पुलिस या साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।