फेसबुक का अर्थशास्त्र भाग – 15

“सबसे दरिद्र धनी” दिल्ली बेस्ड पत्रकार दिलीप खान का फेसबुक के बारे में लिखा गया लेख काफी लम्बा है और इसे हम किश्तों में प्रकाशित…

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“सबसे दरिद्र धनी”

दिल्ली बेस्ड पत्रकार दिलीप खान का फेसबुक के बारे में लिखा गया लेख काफी लम्बा है और इसे हम किश्तों में प्रकाशित कर रहे है पेश है पन्द्रहवा व् अंतिम भाग टाइम मैगजीन के कवर पर छपना मार्क की लोकप्रियता को मापने का आधार नहीं है और न ही दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति की सूची में बार-बार शुमार किया जाना उनकी ताकत को मापने का पैमाना। फेसबुक को इस्तेमाल करने वाले दुनिया भर के करोड़ों लोगों ने इन पत्रिकाओं और रेटिंग एजेंसियों से पहले ही मार्क पर मुहर लगा रखी है। दुनिया भर में फेसबुक और मार्क से कई दिलचस्प वाकये जुड़े हुए हैं।

अपने जन्मदिन के कार्यक्रम को फेसबुक पर सार्वजनिक करने के बाद एक युवती के घर जब 1600 लोग मेहमान बनकर आ धमके तो पता चला कि यहां की यारी-दोस्ती सिर्फ की-बोर्ड तक की सिमट के नहीं रह जाती। इसलिए मार्क को इसी वास्तविक दुनिया का उद्यमी कहा जाना चाहिए। लीक से हट कर चलने वाला उद्यमी। हालांकि सभी कॉलेज छोड़ने वाले लोग मार्क जकरबर्ग नहीं बन जाते, लेकिन मार्क ने कम-से-कम ये तो दिखा ही दिया कि रचनात्मकता किसी कॉलेज की मोहताज नहीं है। द फेसबुक इफैक्ट के लेखक डेविड किर्कपैट्रिक ने मार्क को लेकर एक शानदार टिप्पणी की है।

डेविड के मुताबिक, हर बाप की इच्छा होती है कि उसका बेटा बैचलर डिग्री पूरी कर ले, चाहे बेटा अरबपति ही क्यों न बन जाए। लेकिन पहले, दूसरे और तीसरे अरब के बाद बाप की इच्छा मर जाती होगी। मार्क जकरबर्ग का नाम याद करते वक्त अब शायद किसी के दिमाग में यह तस्वीर नहीं उभरती होगी कि उन्होंने अपनी बैचलर डिग्री पूरी नहीं की है! सामंजस्य के मामले में मार्क एक मिसाल बन सकते हैं। जब वो प्रिसिला के साथ डेटिंग कर रहे थे तो एक साम्यता स्थापित करने की खातिर हर रविवार एशियाई डिश खाते थे।

वो बहुत लटके-झटके वाले नहीं हैं। जब उन्होंने एक अपार्टमेंट में पहला फ्लैट खरीदा तो उसमें सिर्फ एक बेडरूम था, दोस्तों के तानों के बाद उन्होंने दूसरी जगह दो बेडरूम का एक फ्लैट खरीद लिया। फिर तीसरी दफा उन्होंने दोमंजिला मकान खरीदा है जिसमें चार बेडरूम है और मार्क के लिहाज से यह कुछ ज्यादा ही बड़ा है। मार्क से खफा रहने वाले टेलर विंकलवॉस कहते हैं, “मैने अपनी ज़िंदगी में जितने धनी लोगों को देखा है मार्क उनमें सबसे दरिद्र है।”

चलिए इस दरिद्रता के बावजूद इस समय वो17 अरब डॉलर के मालिक हैं। उनके बनाए गए फेसबुक को दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में 83 करोड़ लोग इस्तेमाल करते हैं। लोगों को वे रोजगार मुहैया कराते हैं। शादी के बाद हनीमून मनाने गए पांचेक शहर में मीडिया वालों के कैमरे से वो खुद को छुपाने की कोशिश में लगातार नाकाम साबित होते हैं। शहर-शहर, मुल्क-मुल्क पृथ्वी पर उनके चेहरे को हर कोने में पहचाना जाता है। करोड़ों युवा उनके भीतर खुद का अक्स ढूंढते हैं। फेसबुक की वजह से उद्यमियों के लिए वे आदर्श हैं तो युवाओं के लिए थैंक्यू सुनने के हकदार। वे सुंदर हैं। शाहिद कपूर की तरह चॉकलेटी भी। 50 से ज्यादा देश घूम चुके हैं। हर मिनट उनकी कमाई 9 लाख 50 हजार रुपए है। वे चार्टर्ड हवाई जहाज में सफर करते हैं और अगले साल 29वां जन्मदिन मनाने के लिए उनके पास कई महीने अभी बाकी हैं। तीन दशक बाद जब उनके जीवन के क़िस्सों पर नजर दौड़ाई जाएगी तो यह लेख महज एक कोने में सिमट जाएगा।