पटाखा फैक्ट्री में धमाका, 8 की मौत और 7 घायल, कई इलाकों में आग की घटनाओं से दहशत

आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली जिले में रविवार को एक पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट ने हड़कंप मचा दिया। तेज धमाके के साथ लगी आग…

n6601312081744550676330cc05efd5645039ab71930d3df453973038c2d02a80bba26dced7644cb972d47c

आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली जिले में रविवार को एक पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट ने हड़कंप मचा दिया। तेज धमाके के साथ लगी आग में दो महिलाओं समेत आठ लोगों की जान चली गई, जबकि सात अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा उस समय हुआ जब फैक्ट्री में पटाखों का निर्माण कार्य चल रहा था। आग इतनी तेजी से फैली कि मजदूरों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। स्थानीय प्रशासन की टीम ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया और घायलों को तत्काल पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया।

मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और गृह मंत्री वी. अनिता व जिला प्रशासन को घायलों के इलाज में कोई कोताही न बरतने के निर्देश दिए हैं। गृह मंत्री ने बताया कि घटना की विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है और हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।

उधर, छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में शनिवार रात एक ट्रैक्टर शोरूम में भीषण आग लग गई। रायपुर नाका के पास स्थित इस शोरूम में अचानक आग भड़क उठी, जिसने वहां खड़े कई ट्रैक्टरों को अपनी चपेट में ले लिया। आग इतनी विकराल थी कि दमकल विभाग को कई घंटे की मशक्कत करनी पड़ी। शुरुआती अनुमान के अनुसार, इस घटना में करोड़ों रुपये के नुकसान की आशंका है। आग कैसे लगी, इसकी जांच फिलहाल जारी है, लेकिन शोरूम संचालक और स्थानीय व्यापारी वर्ग में इस घटना को लेकर गहरी चिंता देखी जा रही है।

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में भी आग की एक बड़ी घटना सामने आई है। मौदहा क्षेत्र की कम्हरिया बंधी के पास गुरुवार को खेतों में अचानक आग लग गई, जिससे करीब 100 बीघा गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई। यह फसल सिलौली, माचा, कम्हरिया, इसुई, मसगवा और आसपास के कई गांवों के किसानों की थी। बताया जा रहा है कि आग की शुरुआत मसगवा की ओर से हुई, जहां खेत में डंठल में अचानक आग लग गई थी। गर्मी और तेज हवाओं के चलते आग ने देखते ही देखते बड़ा रूप ले लिया।

दमकल विभाग की तीन गाड़ियों को मौके पर भेजा गया और छह घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। हालांकि तब तक किसानों की मेहनत पूरी तरह नष्ट हो चुकी थी। लगातार सामने आ रहीं ऐसी घटनाओं ने न केवल जन-धन की हानि कराई है, बल्कि प्रशासन की तैयारियों और सतर्कता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।