मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट बैठक में आबकारी नीति को मिली मंजूरी , माइक्रो डिस्टिलेशन इकाई पर दिया जोर

सीएम धामी की मंत्रीमंडल बैठक में आबकारी नीति को मंजूरी मिल गई हैं। जिसमें वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023 – 24 के राजस्व तहत लक्ष्य 4000…

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सीएम धामी की मंत्रीमंडल बैठक में आबकारी नीति को मंजूरी मिल गई हैं। जिसमें वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023 – 24 के राजस्व तहत लक्ष्य 4000 करोड़ के सापेक्ष 11% की वृद्धि के साथ वित्तीय वर्ष 2024 2025 के लिए 4440 करोड़ का लक्ष्य दिया गया है।

पर्वतीय क्षेत्र में इनोवेशन और निवेश को प्रोत्साहन के लिए माइक्रो डिस्टिलेशन ईकाई की स्थापना का प्रावधान किया गया साथ ही हिमालई क्षेत्र की पर्यवरिणीय मानकों के अनुकूल होने से स्थानीय पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। उत्तराखंड में संचालित आसवानी में उच्च गुणवत्ता की मदिरा निर्माण होने से एक ओर राजस्व में वृद्धि होगी वही राज्य में प्रचुर मात्रा में उगने वाली वनस्पतियों जड़ी बूटियों का उपयोग होने से स्थानीय किसानों के लिए आय के नए साधन उत्पन्न होंगे एवम राज्य में निर्मित मदिरा को विश्व स्तर पर पहचान मिलेगी।

राज्य की उच्च गुणवत्ता जड़ी बूटियों फलों फूलो तथा सुगंधित मदिरा के मदिरा माल्ट के उत्पादन के हब के रूप में राज्य प्रतिष्ठा हो सकेगा जिस प्रकार यूरोप में स्कॉटलैंड इटली आदि विश्वस्तरीय मदिरा के लिए प्रतिष्ठित है उसी तरह हिमालई राज्य उत्तराखंड विश्वस्तरीय स्प्रिट माल्ट के उत्पादन केंद्र के रूप में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो सकेगा।इस नीति में विदेशी मदिरा की बॉटलिंग के लिए आबकारी राजस्व और निवेश के लिए पहली बार प्रावधान किया जा रहा है, ताकि उत्तराखंड राज्य, उत्पादक और निर्यातक राज्य के रूप में स्थापित हो सके। प्रदेश में विदेशी मदिरा के थोक व्यापार को उत्तराखंड के मूल/स्थायी निवासियों को रोजगार देने के लिए भारत में निर्मित विदेशी मदिरा की आपूर्ति के थोक व्यापार की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है।

उत्तराखंड सरकार ने आबकारी राजस्व को बढ़ाने के लिए पहली बार ओवरसीज मदिरा की आपूर्ति के लिये थोक व्यवस्था FL-2(O) का प्रावधान किया है, जिससे कस्टम बॉन्ड से आने वाली ओवरसीज मदिरा के व्यापार को राजस्व बढ़ाने की दिशा में नियंत्रित किया जा सकेगा।राज्य की कृषि एवं बागवानी से जुड़े किसानों के हितों को देखते हुए देशी शराब में स्थानीय फलों (कीनू, माल्टा, काफल, सेब, नाशपाती, तिमूर, आडू आदि) को शामिल किया गया है। साथ ही शराब दुकानों का आवंटन या नवीनीकरण, दो चरणों के तहत लिया जाएगा।

जिसके तहत लॉटरी और “पहले आओ पहले पाओ” के आधार पर किया जाएगा। ये निर्णय पारदर्शी और अधिकतम राजस्व एकत्र को लेकर लिया गया है। शराब की दुकानों का नवीनीकरण उन्ही लोगों का किया जाएगा, जिनकी प्रतिभूतियां सुरक्षित हों।