अल्मोड़ा में पर्यावरण मित्रों ने किया धरना प्रदर्शन,11 सूत्रीय मांगों को लेकर हैं आंदोलित

अल्मोड़ा,05 सितंबर 2021— अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर पालिका के पर्यावरण मित्र आंदोलित हैं। मंगलवार को पर्यावरण मित्रों ने पालिका परिसर में धरना प्रदर्शन…

Environment friends staged a sit in protest in Almora are agitating for 11 point demands 1

अल्मोड़ा,05 सितंबर 2021— अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर पालिका के पर्यावरण मित्र आंदोलित हैं। मंगलवार को पर्यावरण मित्रों ने पालिका परिसर में धरना प्रदर्शन किया।


देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री राजपाल पवार ने कहा कि लंबे समय से कर्मचारी ठेका प्रथा समाप्त करने समेत 11 सूत्रीय मांगों के निराकरण की मांग कर रहे है। धरना प्रदर्शन समेत विभिन्न माध्यमों से शासन से मांगों के निराकरण की गुहार लगा चुके है। यही नहीं जुलाई माह में कर्मचारी करीब सप्ताह भर तक कार्यबहिष्कार पर रहे। जिसके बाद जुलाई माह के अंत में निदेशक शहरी विकास निदेशाल में संघ की वार्ता हुई। जिसमें निदेशक ने जल्द से जल्द कर्मचारियों की मांगों को लेकर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक मांगों पर कोई सकारात्मक कार्रवाई नही की गई है। जिससे कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। वहीं धरने में बैठे कर्मचारियों ने एक स्वर में जल्द से जल्द समस्याओं के निराकरण की मांग की। मांग पूरी नही होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। इस मौके पर प्रदेश सचिव राजपाल पवार, शाखा अध्यक्ष सुरेश केशरी, उपाध्यक्ष सतीष कुमार, जिला अध्यक्ष दीपक चंदेल, महासचिव राजेश टांक, दीपक शैलानी, राजेंद्र पवार, कमल चौहान, यशपाल, रोहताश, शनि, अमर समेत कई अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।


संगठन का कहना है कि उनकी मुख्य मांगों में ठेका प्रथा समाप्त की जाए, सफाई कर्मचारियों के स्थाई पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने, लंबे समय से काम कर रहे संविदा मोहल्ला स्वच्छता समिति, दैनिक वेतन, आउटसोर्स व उपनल सफाई कर्मियों को नियमित किया जाए, चालक के आउट सोर्सिंग पद के स्थान पर स्थायी पद पर वाहन चालक को भर्ती किया जाए, पर्यावरण मित्रों को कनिष्ठ सहायक एवं पर्यावरण पर्यवेक्षक, सफाई निरीक्षक, व चालक आदि पदों पर पदोन्नती का लाभ देने, मृतक आश्रितों को नियुक्ति देने, बंद पुरानी पेंशन को बहाल करने, जीवन बीमा व स्वास्थ्य बीमा करने, राज्य कर्मचारियों की भांति भत्ते देने, निकायों को आयोजित आवासों पर मालिकान हक देने, भूमिहीन बाल्मीकि समाज के लोगों को स्थायी निवास व जाति प्रमाण पत्र के आधार पर प्राथमिकता देने, पर्यावरण मित्र पदनाम को संशोधित करते हुए सफाई सैनिक रखने की मांग की।