अल्मोड़ा, 21 मई 2021- सहकारिता के सिद्धांतों पर काम करने वाली विकास आजीविका स्वायत्त सहकारिता ग्रामीण लोगों को घरों में ही रोजगार (employment) उपलब्ध करा रही है। अस्थाई तौर पर ही सही लोगों को यह रोजगार काफी राहत देने का काम कर रहा है।
कोरोना महामारी के चलते एक ओर जहां लोग महामारी से जंग लड़ रहे हैं। वहीं कई लोगों के सामने बेरोजगारी के चलते रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है।
ऐसे समय में हवालबाग में एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना द्वारा संचालित विकास आजीविका स्वायत्त सहकारिता द्वारा हवालबाग में हिलांस फल प्रसंस्करण यूनिट में अचार हेतु 14 कुन्तल लहसुन की खरीद कर लोगों को छिलाई हेतु 25 रुपए प्रति किलो के हिसाब से घरों में काम दे कर रोजगार (employment) देने का कार्य किया जा रहा है।
जिससे लोगों को कुछ राहत मिल पा रही है। वहीं कई लोगों का कहना है कि वो आज तक रेस्टोरेंट चला के व मजदूरी आदि कार्य करके रोजी-रोटी कमाते थे।
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लेकिन जब से ये महामारी आती है। तब से रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गयी है। ऐसे समय में हवालबाग में स्थापित फल प्रसंस्करण यूनिट द्वारा हमें रोजगार देकर काफी राहत दी है। जिससे हम दुकान का किराया, बच्चों की स्कूल फीस, घर की आवश्यक वस्तुओं में व्यय कर सकते हैं। जिसके लिए उनके द्वारा परियोजना व सहकारिता का धन्यवाद भी किया गया।
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समन्वयक दिनेश पंत ने कहा कि फिलहाल आचार के लिए 14 कुंतल लहसुन मंगवाया गया है जिसे 25 रुपए प्रति किलो की दर से साफ करने के लिए ग्रामीणों को दिया गया है। इससे जरूरतमंदों को तात्कालिक रोजगार (employment) घर में ही मिल रहा है।
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