पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारियों की मांग तेज, मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप

अल्मोड़ा: पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन (NMOPS) के नवनियुक्त कुमाऊं मंडल अध्यक्ष राजू महरा का स्वागत समारोह यहाँ आयोजित किया गया। इस दौरान, कर्मचारियों ने…

अल्मोड़ा: पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन (NMOPS) के नवनियुक्त कुमाऊं मंडल अध्यक्ष राजू महरा का स्वागत समारोह यहाँ आयोजित किया गया। इस दौरान, कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली को अपना मौलिक अधिकार बताते हुए सरकार से तत्काल इसे लागू करने की मांग की।

सभा में राजू महरा ने कहा कि पेंशन केवल एक वित्तीय सहायता नहीं, बल्कि कर्मचारियों के सामाजिक और आर्थिक अधिकारों की गारंटी है। इसे समाप्त कर सरकार ने कर्मचारियों के भविष्य को असुरक्षित बना दिया है, जो उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और OPS कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित रखने में विफल रही हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि कुमाऊं मंडल में सभी पेंशन-विहीन कर्मचारियों को NMOPS से जोड़कर आंदोलन को तेज किया जाएगा।

मानवाधिकार और पेंशन: एक जरूरी बहस

विशेषज्ञों के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय अनुबंध (ICESCR) के तहत प्रत्येक कर्मचारी को अपने सेवा-काल के बाद आर्थिक सुरक्षा का अधिकार प्राप्त होना चाहिए। पुरानी पेंशन को खत्म करके सरकार ने कर्मचारियों को आर्थिक अनिश्चितता की ओर धकेला है, जो उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है।

राजकीय शिक्षक संघ के जिला मंत्री भूपाल चिलवाल ने कहा कि सरकार को पेंशन नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। महिला उपाध्यक्ष मीनाक्षी जोशी ने इस मुद्दे को विशेष रूप से महिला कर्मचारियों के लिए अधिक संवेदनशील बताते हुए कहा कि वृद्धावस्था में वित्तीय असुरक्षा महिलाओं के लिए अधिक कठिनाइयाँ पैदा कर सकती है।

सरकार से मांग और आंदोलन की रणनीति

सभी उपस्थित कर्मचारियों और शिक्षकों ने एक स्वर में पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की। आंदोलन को और प्रभावी बनाने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर जनजागरण अभियान चलाने की घोषणा की गई। सभा का संचालन नितेश काण्डपाल ने किया, जिसमें हीरा सिंह बोरा, हिमांशु तिवारी, किशन खोलिया, बृजेश डसीला, दीप जोशी, राधा लस्पाल, तारा बिष्ट, शैलेन्द्र वर्मा, महेंद्र भैसोड़ा समेत कई कर्मचारी नेता मौजूद रहे।
सभी का कहना था कि पुरानी पेंशन की बहाली केवल एक कर्मचारी आंदोलन नहीं, बल्कि आर्थिक न्याय और मानवाधिकारों की रक्षा का विषय है। सरकार को चाहिए कि वह कर्मचारियों की माँगों को गंभीरता से लेकर आर्थिक सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित करे, ताकि कर्मचारियों को सम्मानजनक और सुरक्षित भविष्य मिल सके।

Leave a Reply