शर्मनाक : गरीब की जान की कीमत चार लाख

शारदा स्टोन क्रेशर की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में अमित जोशी टनकपुर। शारदा स्टोन क्रेशर की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। विगत दिनों एक…

शारदा स्टोन क्रेशर की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में

अमित जोशी


टनकपुर। शारदा स्टोन क्रेशर की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। विगत दिनों एक युवा श्रमिक की मौत से इस स्टोन क्रेशर में मजदूरों की सुरक्षा की कलई खुल गई है। श्रमिक की मौत के बाद श्र​म विभाग ने भी इस मामले में अभी तक कोई कार्यवाही नही की है।

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बताते चले कि मंगलवार को शारदा स्टोन क्रेशर में कार्यरत युवा श्रमिक स्वर्गीय अरविंद उरांव पुत्र स्वर्गीय मंत्री उराव की शारदा स्टोन क्रेशर के पट्टे में दबकर दर्दनाक मौत हो गई थी। जांच अधिकारी के अनुसार क्रेशर के मालिक ने उक्त श्रमिक का श्रम विभाग में पंजीकरण भी नही कराया था। श्रमिक की मौत के बाद श्रम प्रवर्तन अधिकारी मीनाक्षी भट्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेने की बात कही। लेकिन विभाग द्वारा अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नही की गई है। जबकि उक्त श्रमिक का श्रम विभाग में पंजीकरण तक नही कराया गया था। अब श्रम विभाग कार्यवाही से बचता दिख रहा है।

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बताते चले कि शारदा स्टोन क्रेशर में पहले भी ऐसे हादसे हो चुके है। फरवरी से अब तक स्टोन क्रेशर प्रबंधन की लापरवाही के हुई मौत का तीसरा मामला है ।17 फरवरी को पीलीभीत के रहने वाले श्रमिक रामविलास पुत्र गोकुल प्रसाद की दम घुटने से मौत हो गई थी। वहीं 31 मई को बनबसा के भुलवागोठ निवासी नीरज सिंह देउपा पुत्र महिपाल सिंह देउपा की क्रेशर गेट पर दो ट्रैक्टरों के बीच आने से मौत हो गई थी। पीलीभीत निवासी श्रमिक के परिजनों ने अंबेडकर नगर कॉलोनी में चक्का जाम भी किया गया। लेकिन बाद मे आपसी सुलह समझौते से मामला ​निपटा दिया गया था।

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लोगों का आरोप है कि गरीब मजदूरों की मौत के बाद उनको डरा धमकाकर और पैसे का लालच देकर समझौता करा दिया जाता
है। वैसे सरकार ने जोखिम वाले कार्यस्थलों पर मजदूरों की सुरक्षा के लिये मानक बनाये हुए है। इनमे श्रमिक के लिये हैलमेट, ग्लब्ज, बूट, चश्मा अनिवार्य है। लेकिन यहां सरकार के इन आदेशो का पालन होता हुआ कभी नही दिखता। मंगलवार को सेफ्टी के मानकों के अनुसार कार्य कराया होता तो मजदूर के साथ यह हादसा नही होता। मंगलवार को घटा हादसा इतना खतरनाक था कि श्रमिक की गर्दन और दाहिना हाथ अलग हो गयेइस हादसे की जांच अधिकारी एस आई अंजू यादव ने बताया कि मृतक श्रमिक अरविंद का सत्यापन भी नहीं हुआ है मृतक अकेला अपने परिवार का अकेला पुत्र ​था।

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मारा गया श्रमिक अरविंद अपने परिवार का इकलौता पुत्र था। अभी दो महीने पहले ही उसका विवाह हुआ था।अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए शादी के तुरंत बाद वह इस क्रेशर में काम करने लगा था। बताया जा रहा है कि स्टोन क्रेशर प्रबंधन और मारे गये श्रमिक के परिवार के लोगों के बीच में समझौता हो गया है। बरहहाल नियम कानूनों की बात करने वाले श्रम विभाग द्वारा स्टोन क्रेशर पर कार्यवाही ना किये जाने को लेकर क्षेत्र में तमाम तरह की चर्चाए होने लगी है।

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