उत्तराखंड में बिजली पानी हुआ महंगा, जानिए क्या है वजह

महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है आए दिन पेट्रोल डीजल गैस सिलेंडर इन सब के दाम बढ़ते ही जा रहे हैं ऐसे में उत्तराखंड…

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महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है आए दिन पेट्रोल डीजल गैस सिलेंडर इन सब के दाम बढ़ते ही जा रहे हैं ऐसे में उत्तराखंड वालों के लिए बुरी खबर है। आपको बता दें कि Uttrakhand में एक अप्रैल से बिजली और पानी भी महंगा होने जा रहा है। घरेलू पेयजल उपभोक्ताओं के लिए नौ से 11 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी तय है। वहीं, कमर्शियल उपभोक्ताओं को 15 फीसदी से अधिक भुगतान करना होगा। बिजली के भी नए रेट गुरुवार को जारी हों गए है।


विद्युत नियामक आयोग ने नए रेट को अंतिम रूप दे दिया है। आयोग ने बिजली की दरों में 2.68 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी।यह बढ़ी हुई दरे विगत 1 अप्रैल से लागू हो गई है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) ने नई दरों में घरेलू से लेकर औद्योगिक श्रेणी तक के उपभोक्ताओं को राहत देने का प्रयास किया है।बिजली की दरों में 2.68 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।


जाने घरेलू दरों में कितनी की गई वृद्धि
100 यूनिट तक खपत करने वाले उप​भोक्ताओं से प्रति यूनिट 2.80 रूपया प्रति यूनिट चार्ज किया जाता था जो कि अब 2.90 रूपया हो गया है। 101 से 200 यूनिट यूनिट तक खपत करने वाले उप​भोक्ताओ को प्रति यूनिट 4.00 रूपये की जगह पर 4.20 रूपया देना होगा। इसी तरह खपत के हिसाब से हर माह लिए जाने वाले मासिक किराए में भी बढ़ोत्तरी की गई है।


जल संस्थान एक अप्रैल से राज्य में पेयजल की नई दरें लागू करता है। शहरी क्षेत्रों में पानी के बिलों का निर्धारण हाउस टैक्स के आधार पर होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिल पानी के नल के आधार पर तय किया जाता है। शहरों में 360 रुपये तक भवन कर पर ग्रेविटी की पेयजल योजनाओं से जुड़े उपभोक्ताओं का 160 रुपये महीना पानी का बिल आता है।


ट्यूबवेल से जुड़े उपभोक्ताओं का 169 रुपये, पम्पिंग पेयजल योजना से जुड़े उपभोक्ताओं का 181 रुपये प्रति महीना बिल 2013 के तय रेट पर निर्धारित किया गया है। भवन कर 361 रुपये से 2000 रुपये के बीच होने पर ग्रेविटी योजना में 169.10 रुपये, ट्यूबवेल योजना पर 181.56 रुपये, पम्पिंग योजना पर 195.80 रुपये महीना बिल तय किया गया है।


भवन कर 2000 रुपये से 3500 रुपये होने पर ग्रेविटी योजना में 199.36 रुपये, ट्यूबवेल योजना पर 213.05 रुपये, पम्पिंग योजना पर 240.30 रुपये बिल निर्धारित है। ये वृद्धि इन रेटों पर ही लागू होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में एक घर में एक से दो टोंटी होने पर नौ प्रतिशत वृद्धि होगी। घर में इससे अधिक टोंटी होने पर 11 प्रतिशत की वृद्धि होगी।


हर महीने के बिल में 14 से 25 रुपये तक की बढ़ोत्तरी
पानी के बिल में हर महीने 14 रुपये से लेकर 25 रुपये तक की बढ़ोत्तरी होगी। जल संस्थान तीन महीने में पानी के बिल जारी करता है। इस तरह एक बिल में 42 रुपये से लेकर 75 रुपये तक का इजाफा होगा।


31 मार्च के बाद लगेगा विलंब शुल्क


सरकार ने पानी के बिलों के भुगतान को लेकर आम जनता को बड़ी रियायतें दी थीं। जो 31 मार्च तक ही लागू हैं। 31 मार्च तक पानी का बिल जमा कराने पर पुराना सभी विलंब शुल्क माफ कर दिया गया था। 31 मार्च के बाद पानी का बिल जमा कराने पर लोगों को विलंब शुल्क जमा कराना होगा।


तय नहीं हो सका नया टैरिफ
जल संस्थान लंबे समय से पानी का नया टैरिफ तय किए जाने को दबाव बनाए हुए है। अभी 2013 के तय रेट पर ही पानी के बिलों में बढ़ोत्तरी होती है। 2017 में नया टैरिफ तय किए जाने को एक कमेटी का गठन हुआ था। आज तक उस कमेटी की बैठक तक नहीं हुई। अब नई सरकार आने के बाद जल संस्थान नए सिरे से प्रस्ताव तैयार करने में जुट गया है।