छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने राज्यभर में 15 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के ठिकाने भी शामिल हैं। यह छापेमारी घोटाले में नए सबूतों के आधार पर की गई है, जिससे मामले में नए खुलासे होने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले में चैतन्य बघेल का नाम जांच के दौरान सामने आया था, जिसके बाद ईडी ने उनके परिसरों समेत अन्य संदिग्ध स्थानों पर तलाशी ली। इससे पहले भी एजेंसी ने मई 2024 में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर सहित अन्य आरोपियों की करोड़ों की संपत्तियां कुर्क की थीं।
ईडी के मुताबिक, 2017 में शराब की खरीद और बिक्री को नियंत्रित करने के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (CSMCL) का गठन किया गया था, लेकिन बाद में यह घोटाले का केंद्र बन गया। आरोप है कि इस सिंडिकेट ने अवैध शराब की बिक्री से मोटा कमीशन कमाया और इसमें राजनीतिक फंडिंग का भी इस्तेमाल हुआ। ईडी का दावा है कि इस अवैध कमाई का बड़ा हिस्सा अनवर ढेबर के माध्यम से राजनीतिक दल तक पहुंचाया गया।छत्तीसगढ़ में हुए इस शराब घोटाले की जांच लगातार जारी है।