असम के मोरीगांव जिले में आज तड़के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.0 मापी गई। हालांकि अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है, लेकिन भूकंप के बाद लोगों में दहशत फैल गई और कई लोग घरों से बाहर निकल आए।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार, भूकंप सुबह करीब 2:25 बजे आया और इसका केंद्र जमीन से 16 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। भूकंप के झटके गुवाहाटी और राज्य के अन्य हिस्सों में भी महसूस किए गए। चूंकि भूकंप रात के समय आया, इसलिए अधिकांश लोग गहरी नींद में थे, लेकिन तेज झटकों की वजह से वे जाग गए।
विशेषज्ञों का कहना है कि 5.0 तीव्रता का भूकंप मध्यम श्रेणी का होता है, जिससे घरों के अंदर कंपन महसूस किया जा सकता है और कुछ मामूली क्षति भी हो सकती है। असम को भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है और यह भूकंपीय क्षेत्र V में आता है, जहां तीव्र झटकों की आशंका बनी रहती है। इस राज्य में पहले भी कई शक्तिशाली भूकंप आ चुके हैं, जिनमें 1950 का असम-तिब्बत भूकंप (8.6 तीव्रता) और 1897 का शिलांग भूकंप (8.1 तीव्रता) शामिल हैं, जो इतिहास के सबसे बड़े भूकंपों में से एक माने जाते हैं।
यह भूकंप हाल ही में बंगाल की खाड़ी में आए 5.1 तीव्रता के भूकंप के कुछ दिनों बाद आया है, जिसके झटके कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में महसूस किए गए थे। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में आया भूकंप 25 फरवरी को सुबह 6:10 बजे दर्ज किया गया था और इसका केंद्र पुरी (ओडिशा) के पास 91 किलोमीटर की गहराई पर था।
असम और पूर्वोत्तर भारत में बार-बार आ रहे भूकंप इस बात का संकेत देते हैं कि यह क्षेत्र भूगर्भीय हलचलों के लिहाज से काफी सक्रिय है। भूकंप के खतरों को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में भी इस इलाके में तेज झटकों की संभावना बनी रह सकती है, इसलिए प्रशासन और नागरिकों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए।