Earthquake Risk In India -भारत के इन 8 राज्यों में है भूकंप का सबसे ज्यादा खतरा

तुर्की,सीरिया के बाद फिलिस्तीन में आए भूकंप के झटकों ने उन इलाकों में दहशत पैदा कर दी है। अभी तक 8 हजार से ज्यादा लोग…

Earthquake Risk In India - These 8 states of India have the highest risk of earthquake

तुर्की,सीरिया के बाद फिलिस्तीन में आए भूकंप के झटकों ने उन इलाकों में दहशत पैदा कर दी है। अभी तक 8 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान दे चुके और कई लापता है। भारत में भी कई इलाके भूकंप की दृष्टि से बहुत संवेदनशील (Earthquake Risk In India) बताए जा रहे है।


भारत में भी भूकंप की (Earthquake Risk In India)
दृष्टि से 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश संवेदनशील बताए जा रहे है। भारत सरकार के अनुसार भारत में लगभग 59 प्रतिशत भूभाग भूकंप के प्रति संवेदनशील है। वही आठ राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के कई शहर और कस्बे जोन-5 में आते हैं।

Earthquake Risk In Indiaजोन-5 है भूकंप की नजर में सबसे ज्यादा संवेदनशील

जोन-5 भूकंप की दृष्टि से सबसे ज्यादा संवेदनशील है। दिल्ली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र क्षेत्र यानि NCR जोन-4 में है और भूकंप के लिहाज से यह जोन-5 के बाद दूसरी सबसे ऊंची श्रेणी है।


जुलाई 2021 में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री, जितेंद्र सिंह ने लोक सभा में कहा था कि “हमारे देश भूकंपों के इतिहास को देखते हुए, भारत की कुल भूमि का 59% हिस्सा अलग-अलग भूकंपों के लिए संवेदनशील है.” उन्होंने आगे कहा था कि पूरे देश को भूकंपीय मानचित्र तके चार भूकंपीय क्षेत्रों में बांटा गया है।


Earthquake Risk In India
जाने ​कैसे बांटे गए है भूकंपीय जोन
जोन सबसे तीव्र भूकंपीय क्षेत्र को जोन 5 में रखा गया है। गुजरात,नागालैंड, जम्मू और कश्मीर हिमाचल प्रदेश, बिहार, असम, मणिपुर और अंडमान और निकोबार जोन-5 में आते हैं,यह देश का 11 प्रतिशत भूभाग है। जबकि सबसे कम तीव्र भूकंपीय क्षेत्र जोन 2 में रखे गए है। भूभाग का 18% क्षेत्र जोन 4 में, 30% क्षेत्र जोन 3 में और शेष क्षेत्र जोन 2 में रखा गया है।


Earthquake Risk In India
हिमालयी रीजन में है सबसे ज्यादा खतरा
मध्य हिमालयी क्षेत्रो को दुनिया में सबसे भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में से एक माना जाता है। हिमांचल में 1905 में कांगड़ा शहर को एक बड़े भूकंप से दोचार होना पड़ा था। 1934 में बिहार और नेपाल में 8.2 तीव्रता के भूकंप ने तबाही मचा दी थी। इस भूकंप के कारण 10,000 लोग मारे गए थे।1991 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश ( अब उत्तराखण्ड में) के उत्तरकाशी में 6.8 तीव्रता के भूकंप ने 800 से ज्यादा जान ली थी। 2005 में कश्मीर में आए 7.6 तीव्रता के भूकंप के कारण 80,000 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।


Earthquake Risk In India
दिल्ली-गुरुग्राम में मंडरा रहा है भूकंप का खतरा
विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सहित राष्टीय राजधानी क्षेत्र भी भूकंप के प्रति संवेदनशील है। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली 3 सक्रिय भूकंपीय रेखाओं सोहना, मथुरा और दिल्ली-मुरादाबाद के पास स्थित है। विशेषज्ञों के अनुसार 7 फॉल्ट लाइन पर स्थित गुरुग्राम दिल्ली-एनसीआर में सबसे संवेदनशील है। 7 फॉल्ट लाइन के सक्रिय होने से उच्च तीव्रता का भूकंप आ सकता है।


वही कुछ भूकंप विज्ञानियों के अनुसार दिल्ली-एनसीआर हिमालय के करीब है और यह टेक्टोनिक प्लेटों में होने वाले बदलावों को महसूस करता है। विशेषज्ञों के अनुसार हिमालय बेल्ट में कोई भी भूकंप दिल्ली-एनसीआर में तबाही मचा सकता है।