सोमवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में आए भूकंप ने लोगों को हैरान कर दिया। भूकंप की तीव्रता केवल 4.0 थी, लेकिन इसके झटके इतने तेज़ थे कि कई लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में चीजों को तेजी से हिलते हुए देखा गया, जिससे लोगों के मन में सवाल उठा कि इतनी कम तीव्रता के बावजूद कंपन इतना ज़ोरदार क्यों था।
तेज़ झटकों के पीछे की 5 वजहें
- भूकंप का केंद्र दिल्ली के भीतर था
इस भूकंप का केंद्र दिल्ली के धौला कुआं इलाके में था। जब किसी भूकंप का केंद्र किसी शहर के भीतर या उसके करीब होता है, तो उसकी ऊर्जा सीधे आसपास के इलाकों तक जल्दी पहुँचती है, जिससे झटके ज्यादा तेज़ महसूस होते हैं।
- भूकंप की गहराई बहुत कम थी
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र ज़मीन से सिर्फ 5 किमी की गहराई पर था। गहराई कम होने पर भूकंप की तरंगें सतह तक ज्यादा ताकत के साथ पहुँचती हैं, जिससे झटकों की तीव्रता बढ़ जाती है।
- दिल्ली का भूकंपीय जोन-IV में होना
दिल्ली भूकंपीय जोन-IV में आता है, जो एक संवेदनशील भूकंपीय क्षेत्र है। इस कारण हल्के या मध्यम तीव्रता के भूकंप भी यहाँ अधिक प्रभावी महसूस होते हैं।
- ऊँची इमारतों की मौजूदगी
दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम जैसे इलाकों में ऊँची इमारतों की संख्या अधिक है। भूकंप के दौरान ऊँची इमारतें अधिक हिलती हैं, जिससे कंपन ज्यादा महसूस होता है।
- दिल्ली की मिट्टी की प्रकृति
दिल्ली के कई हिस्सों की मिट्टी नरम जलोढ़ मिट्टी (Alluvial Soil) से बनी हुई है, जो भूकंपीय तरंगों को बढ़ा सकती है। इस वजह से हल्के भूकंप के झटके भी अधिक शक्तिशाली लगते हैं।