म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने न केवल जनजीवन को तहस-नहस कर दिया, बल्कि जमीन में ऐसी दरारें पैदा कर दीं जिन्हें देखकर वैज्ञानिक भी स्तब्ध रह गए। इस भूकंप का केंद्र मंडाले के पास था, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इसकी तीव्रता इतनी अधिक थी कि धरती की सतह पर करीब 500 किलोमीटर लंबी दरार बन गई। इन दरारों की चौड़ाई कुछ स्थानों पर पांच मीटर तक पहुंच गई है।
मैक्सार द्वारा जारी की गई उच्च-रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी ने इस दरार को विस्तार से दिखाया है, जिससे यह पता चलता है कि भूकंप के प्रभाव ने किस हद तक भूगर्भीय संरचना को झकझोरा है। यह दरार सागाइंग फॉल्ट के साथ उत्पन्न हुई है, जो म्यांमार के भूगर्भीय तनावों का एक प्रमुख केंद्र है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह फॉल्ट लाइन ‘सुपरशेयर’ प्रकार की है, जिसमें दरारें भूकंपीय तरंगों से भी तेज गति से फैलती हैं। इस वजह से नुकसान अपेक्षा से कई गुना अधिक हुआ।
भूकंप ने हजारों इमारतों को ढहा दिया, अस्पतालों को क्षतिग्रस्त कर दिया और लाखों लोगों को बेघर कर दिया। अब तक 3,000 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं। इस आपदा का असर म्यांमार तक सीम