जांच के दौरान नींद और दर्द की दवा पाई गई नकली, अवैध दवा फैक्ट्री का हुआ भांडा फोड़

आगरा के सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र में दवा माफिया द्वारा चलाए जा रहे एक अवैध दवा निर्माण कारखाने का भंडाफोड़ हुआ है। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स…

During investigation, sleeping pills and painkillers were found to be fake, illegal drug factory busted

आगरा के सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र में दवा माफिया द्वारा चलाए जा रहे एक अवैध दवा निर्माण कारखाने का भंडाफोड़ हुआ है। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने 22 अक्टूबर को इस फैक्ट्री पर छापेमारी की थी।

जहां से नकली दवाओं और निर्माण उपकरणों को जब्त किया था। इस छापेमारी में विजय गोयल नामक दवा माफिया और उसके 10 सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है और उन्हें जेल भेज दिया गया।

छापेमारी के बाद फैक्ट्री से जब्त की गई 14 दवाओं के नमूनों की जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजे गए थे, जिनमें से चार दवाओं की रिपोर्ट आ चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार, फैक्ट्री में बनाई जा रही नींद की दवा “अल्जोसेल.5” और दर्द निवारक दवा “स्पासमोवेल” के नमूने फेल हो गए हैं।

एलप्राजोलम साल्ट अनुपस्थित था, जबकि दर्द निवारक दवा स्पासमोवेल में पैरासीटामोल पाया गया, लेकिन ट्रैमाडोल नहीं मिला, जो कि प्रमुख सक्रिय तत्व होता है।

इसके अलावा दवा निर्माण में इस्तेमाल किए गए खाली कैप्सूल के नमूने भी लिए गए थे, जो जांच में सही पाया गए है। यह कैप्सूल जिलेटिन के बने हुए थे, जो कि मानक के अनुरूप थे। सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय ने बताया कि इस मामले में संबंधित कंपनी को नोटिस भेजा जाएगा और ड्रग एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यह पहली बार नहीं है, जब विजय गोयल का नाम इस तरह के अवैध कारोबार में सामने आया है। इससे पहले 2023 में विजय गोयल की बिचपुरी स्थित एक और फैक्ट्री पर छापा मारा गया था, जहां से भी नकली दवाओं के नमूने जब्त किए गए थे और वे जांच में फेल हो गए थे।

सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि दवा माफिया द्वारा ऐसे नकली दवाओं की फैक्ट्रियां चलाना स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। इन दवाओं का सेवन करने से लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। छापेमारी के दौरान जब्त की गई दवाओं और उपकरणों की कुल कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है। एएनटीएफ और अन्य संबंधित विभाग अब इस मामले में और भी गंभीर कार्रवाई की योजना बना रहे हैं।