अयोध्या में अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। मौसम की बेरुखी से अयोध्या में बालक राम की सेवा में बदलाव किया गया है। भगवान राम को बेहतरीन हल्की कढ़ाई के लिए सूती वस्त्र पहने जा रहे हैं। हल्के आभूषण से श्रृंगार किया जा रहा है। पुजारी संतोष कुमार तिवारी का कहना है कि प्रभु को रोज दही और लस्सी का और मौसम के रसीले फलों का भोग लगाया जाता है। आम,मौसम्मी, लीची खरबूजा तरबूज आदि शामिल है रामलला के लिए नया ऐसी भी आया है जो जल्दी गर्भ ग्रह में लगाया जाएगा। अभी गर्भगृह में कूलर लगा था। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर को एसी सौंप दिया है। चंपत राय का कहना है कि ट्रस्ट भगवान की सेवा लगातार बेहतर कर रहा है। भगवान की हर छोटी से छोटी जरूरत पर ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मौसम ठंड था। अब गर्मी का प्रकोप जारी है इसलिए रोज जलाभिषेक के साथ सूती वस्त्र भी पहनाए जाते हैं।श्रृंगार के बाद फूलों से सजाई जाती है और दीपक जलाकर आरती की जाती है। सुबह और शाम भोग के साथ दोनों समय जलपान में रबड़ी, खुरचन का पेड़ा आदि का भोग लगाया जा रहा है। मंदिर में भगवान रामलला 5 वर्षीय बालक के स्वरूप में विराजमान हैं। इसलिए उनके रहन-सहन में भी मौसम के अनुसार बदलाव किया जा रहा है।
रामलाल का श्रृंगार ठंडक देने वाले गुलाब, चमेली, गेंदा आदि फूलों से किया जाता है।रामलला को बेहद प्रिय तुलसी के साथ उनके 1000 नाम से रोज अर्चन चल रहा है। रामलला इन दिनों जो कपड़े पहन रहे हैं, वह दिल्ली के फैशन डिजाइनर मनीष त्रिपाठी खुद डिजाइन कर भेज रहे हैं। उन्होंने चार माह से रामलला की यह सेवा शुरू की है। वह अभी एक साल तक रामलला के लिए रोज कपड़े भेजेंगे। फूलों से सजी थाली में एक दीपक से रामलला की आरती की जा रही है, जिससे कि आंच न लगे।