लॉक डाउन के दौरान पेयजल (drinking water)किल्लत से परेशान हैं काली कुमाऊं के पेयजल उपभोक्ता

पेयजल योजनाओं(drinking water) की सफाई नहीं होने से गंदा पानी आ रहा है संयोजनों में मॉडेक्स तकनीकि हैंडपंपों से निकल रहा प्रदूषित लाल रंग का…

पेयजल योजनाओं(drinking water) की सफाई नहीं होने से गंदा पानी आ रहा है संयोजनों में

मॉडेक्स तकनीकि हैंडपंपों से निकल रहा प्रदूषित लाल रंग का जल(drinking water)

पेयजल समस्या(drinking water) का तुरंत समाधान नहीं किए जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी

drinking water

चंपावत से ललित मोहन गहतोड़ी
एक तरफ देशभर में लॉक डाउन की स्थिति है वहीं दूसरी तरफ काली कुमाऊं के कई इलाके पेयजल की किल्लत से जूझ रहे हैं।

साफ सफाई के अभाव में पेयजल सुलभ करा रही योजनाएं दम तोड़ती नजर आ रही हैं। चार दिन में एक बार इन संयोजनों से बूंद बूंद पानी झर रहा है। वर्षों पुराने लगे मॉडेक्स तकनीकि हैंडपंप खराब चल रहे हैं। पेयजल सुचारू रूप से उपलब्ध नहीं किए जाने पर उपभोक्ताओं परेशान हैं।

काली कुमाऊं के कई इलाकों में पेयजल उपलब्ध कराने के दावे हवा हवाई साबित होते जा रहे हैं। इसके चलते नगर और नगर से लगे क्षेत्र चांदमारी सहित सुईं आदि में पेयजल संकट गहराता जा रहा है। पेयजल की कमी के चलते लोग मीलों दूर भटकने को मजबूर हैं।

चांदमारी क्षेत्र के युवा जब एकमात्र पेयजल सुलभ करा रहे राइकोट रास्ते पर स्थित अर्जुन पानी के टैंक पर गये तो वहां उन्होंने टैंक के अंदर गंदगी का अंबार देखा।

तुरंत ही सभी ग्रामीणों ने संयोजन का भरा हुआ पानी खेतों में पलट दिया। लोगों का कहना है कि यहां जितने भी मॉडेक्स तकनिकी के हैंडपंप लगाए गये हैं या तो वह खराब हो चुके हैं या फिर इनमें से लाल रंग का गंदा पानी निकल रहा है जो ना तो पीने के योग्य है और ना ही कपड़े धोने के काम में ही लाया जा सकता है।

यही हाल सुईं क्षेत्र का भी है यहां जन सेवक कैलाश पाण्डेय के नेतृत्व में ग्रामीणों ने दौरे पर आये जेई का घेराव करने की भी सूचना है। पेयजल की समस्या के संबंध में ग्रामीणों की ओर से स्थानीय विधायक को भी अवगत कराया है।

अपनी एक फेसबुक पोस्ट के आधार पर जन सेवक कैलाश ने कहा है कि क्षेत्र में पेयजल की किल्लत लगभग बनी रहती है। इसके चलते जनता में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। कहना है यदि जल्द ही जनता की पेयजल समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।

इसके लिए उन्होंने लॉक डाउन के बाद आमरण अनशन की भी चेतावनी दी है। उधर प्रशांत जोशी, राजेंद्र कुमार जोशी, प्रकाश सामंत, पंकू खर्कवाल आदि का कहना है कि पहाड़ के लिए पेयजल उपलब्ध नहीं कराना एक गंभीर समस्या है जिसका त्वरित निदान किए जाने की आवश्यकता है।

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