सदियों से अंटार्कटिका के बर्फ को लेकर कई रहस्यमयी कहानी और किस्से सामने आ रहे हैं। कुछ तो इतनी खतरनाक है कि लोग सुनकर डर भी जाते हैं। एक बार कहा गया था कि एडोल्फ हिटलर द्वितीय विश्व युद्ध में जिंदा बच गया था और वह इसी बर्फ के नीचे चला गया था
दूसरा यह भी कहना है कि अंटार्कटिका एक दीवार है जो धरती के को चारों ओर से घिरे हुए हैं लेकिन इस दावे के पीछे वैज्ञानिकों ने कोई भी ठोस सबूत नहीं देखे हैं लेकिन सोशल मीडिया के आज के युग में एक और अनोखा दावा किया जा रहा है जो अब हर जगह वायरल हो रहा है।
गूगल मैप्स (Google Maps sleuths) पर नजर रखने वाले ‘जासूसों’ का कहना है कि उन्होंने अंटार्कटिका में एक ‘दरवाजा’ देखा है, जो काफी विशाल है और बर्फ में आसमान की ओर खुला हुआ नजर आ रहा है। सोशल मीडिया मंच रेडिट के कॉन्सपिरेसी चैनल पर एक स्क्रीनशॉट पोस्ट किया गया, इसमें लगभग 210 लाख लोग जुड़े हुए हैं। यह दरवाजा एक कांच का आयताकार रूप में दिखाई देता है जो आंशिक रूप से बर्फ की परतों के नीचे दबा हुआ है। लोगों को यह जानना है कि आखिर यह क्या है? इस दरवाजे का उपयोग किस लिए किया जा रहा है? कहीं यह सच में पाताल लोक जाने का रास्ता तो नहीं है? कुछ लोगों का कहना है कि शायद यह कोई अंडरग्राउंड बेस कैंप है जिसका दरवाजा खुला हुआ है, तो किसी का कहना है कि यह बीजों के भंडारण के लिए बनाया गया है, ताकि वह खराब ना हो। कुछ ने तो यहां तक कह दिया है कि यह हिटलर के ठिकाने का प्रवेश द्वार है। वह अंदर बंकर में छिपा हुआ हो सकता है।
हकीकत जान होंगे हैरान
हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह जापान के शोवा स्टेशन से केवल कुछ सौ मीटर की दूरी पर है। शोवा स्टेशन क्वीन मौड लैंड में पूर्वी ओंगुल द्वीप पर बसा एक स्थायी अनुसंधान सेंटर है। इसमें 60 से अधिक अलग-अलग बिल्डिंग है जिनमें रहने के लिए क्वार्टर, एक बिजली संयंत्र, सीवेज उपचार सुविधा, वेधशाला और उपग्रह भवन भी शामिल है। इसके अलावा ईंधन टैंक, जल भंडारण, सौर पैनल, एक हेलीपोर्ट और रेडियो ट्रांसमीटर भी मौजूद हैं।
पहले भी किए गए अजीबोगरीब दावे
यह पहली बार नहीं है जब अंटार्कटिका को लेकर ऐसे दावे किए जा रहे हो कुछ वक्त पहले ईगल आईडी गूगल यूजर ने यह भी कहा था कि एलियंस द्वारा उपयोग की जाने वाली बर्फ से चिपका हुआ एक विशाल पिरामिड मिला है। 2019 में नासा की ओर से एक तस्वीर भी सामने आई थी जिसने पूरे सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी थी। बताया जा रहा था कि यह नए सुपर सोनिक हथियारों के परीक्षण की वजह से बर्फ में एक विशाल गड्ढा बन गया है। नासा इस जमे हुए द्वीप पर उन हथियारों का परीक्षण कर रहा था।