दो गुने से ज्यादा हुआ घरेलू नेचुरल गैस का दाम, पढ़िए पूरी खबर

महंगाई की मार लगातार आम जनता को परेशान कर रही है। आए दिन महंगाई बढ़ती ही जा रही है जिससे आम जनता बेहद ही परेशान…

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महंगाई की मार लगातार आम जनता को परेशान कर रही है। आए दिन महंगाई बढ़ती ही जा रही है जिससे आम जनता बेहद ही परेशान है।

आप को बता दें कि घरेलू गैस (Domestic Gas Price) के दाम को सरकार ने एक अप्रैल से घरेलू प्राकृतिक गैस (Domestic Natural Gas) को दो गुने से भी ज्यादा कर दिया है।बता दें कि सरकार की तरफ से तय प्रक्रिया के मुताबिक, हर छह महीने पर गैस के दाम पर फैसला लिया जाता है।

अगले 6 महीने तक लागू रहेंगी बढ़ी कीमतें

सरकार ने एक अप्रैल से छह माह के लिए घरेलू प्राकृतिक गैस (Domestic Natural Gas) के दाम को दो गुने से भी ज्यादा कर दिया है। अब इसका दाम 6.1 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू (10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट) हो गया है। पहले इसकी कीमत 2.90 डॉलर प्रति mmBtu थी।


बाजार को क्या है उम्मीद?
ब्रोकरेज फर्म CLSA को घरेलू गैस के दाम में करीब 120 फीसदी की तेत उछाल की उम्मीद है, जो 7 डॉलर प्रति mmBtu से अधिक होगा। वहीं जेफरीज ने इसका दाम बढ़कर 6.60 डॉलर प्रति mmBtu रहने का अनुमान जताया है।


कंपनियों पर क्या पड़ेगा असर?
गैस के दाम बढ़ने को ऑयल इंडिया, ONGC, HOEC जैसी गैस उत्पादन वाली कंपनियों के लिए काफी अच्छा माना जा रहा है। हाला्ंकि सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों, फर्टिलाइजर्स और सेरेमिक कंपनियों के लिए यह एक नकारात्मक खबर होगी।


सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां पहले ही LNG गैस की स्पॉट कीमतों में बढ़ोतरी के चलते थोड़ी कीमतें बढ़ा चुकी हैं। हालांकि उम्मीद की जा रही है आने वाले दिनों में वे कुछ और दाम बढ़ाने को मजबूर हो सकती हैं।


किस आधार पर गैस के दाम तय करती है सरकार?
सरकार हर छह महीने पर- 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर- को गैस के रेट तय करती है। यह कीमत अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे अतिरिक्त गैस उत्पादन वाले देशों में जारी सालाना औसत कीमतों के आधार पर तय की जाती है। इसमें एक तिमाही का अंतर होता है। यानी एक अप्रैल से 30 सितंबर की कीमतें, उन देशों में जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 के दौरान रही औसत कीमत के आधार पर तय होगी और इस दौरान दरें काफी ऊंची रही थी।


CNG-PNG के दाम बढ़ सकते हैं
सूत्रों ने बताया कि गैस के दाम बढ़ने से CNG और पाइप के जरिये घरों में जाने वाली रसोई गैस (PNG) के दाम बढ़ सकते हैं। साथ ही इससे बिजली की लागत भी बढ़ेगी लेकिन गैस से बिजली उत्पादन की मात्रा बहुत अधिक नहीं होने से उपभोक्ताओं पर इसका असर नहीं होगा।