देश में जब भी किसी को फांसी दी गई है तो वह काफी चर्चा का विषय बन जाती है। भारत में जघन्य अपराध के मामले में ही दोषी को मौत की सजा दी जाती है। जब भी किसी को मौत की सजा दी जाती है तो कुछ नियमों का पालन किया जाता है।
बता दें कि फांसी की रस्सी के साथ फांसी का समय, देने की प्रक्रिया आदि पहले से तय होती है। हमारे देश में जब भी किसी दोषी को फांसी दी जाती है तो जल्लाद उसके कान में कुछ कहता है।
क्या आपने कभी सोचा है कि फांसी देने वाला जल्लाद किसी अपराधी के कान में इस तरह बात करेगा? आप भी एक बार सोचने पर मजबूर हो गए होंगे कि ऐसे बुरे वक्त में जल्लाद ने क्या कहा होगा । आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि फांसी देते समय जल्लाद अपराधी के कान में क्या बोलता है।
बता दें कि फांसी के दौरान जल्लाद फांसीघर में लगे लीवर को खींच देता है। इससे पहले वह अपराधी के कान में बोलता है.. मुझे माफ कर दो। यहीं नहीं अगर अपराधी हिंदू हो तो उसे “राम-राम” कहा जाता है वहीं अगर अपराधी मुस्लिम होता है तो जल्लाद उसके कान में “सलाम” कहता है।
इतना ही नहीं, जल्लाद आगे कहता है कि हम क्या कर सकते हैं, हम तो हुक्म के गुलाम हैं। इतना कहकर जल्लाद फंदे को खींच लेता है। फांसी के वक्त अपराधी के सामने जेल अधीक्षक, जल्लाद, कार्यकारी मजिस्ट्रेट और डॉक्टर मौजूद रहते हैं। अगर चारों में से कोई भी नहीं बचता तो मौत की सज़ा निलंबित कर दी जाती है.