हम लोग बचपन से ही यह सुनते आ रहे है कि जब किसी व्यक्ति की दुर्घटना में मौत हो जाती है तो वह भूत बन जाता है। तो क्या सच में ऐसा कुछ होता है? इस खबर ने हम आपको बताएंगे क्या है इसके पीछे की सच्चाई?
भारतीय संस्कृति में आत्माओं भूतों के बारे में कई कहानियां लोककथाएं हैं। माना जाता है कि जिन लोगों की अचानक, अप्राकृतिक या दुखद रूप से मर जाते हैं उनकी आत्माओं को अक्सर शांति नहीं मिलती है वह अधूरे काम को पूरा करने या अपने साथ हुए अन्याय का बदला लेने के लिए भूत बनकर लौट आते हैं।
धर्म में यह मान्यता है कि आत्मा अमर होती है शरीर को छोड़ने के बाद भी जीवित रहती है। यदि आत्मा की मृत्यु से पहले कुछ इच्छाएं अधूरी रह जाती हैं या उसे किसी तरह का कष्ट होता है, तो वह भटकती रहती है। एक्सीडेंट में मारे गए लोग अक्सर अचानक दर्दनाक तरीके से मरते हैं, जिससे उनकी आत्माएं भटक सकती हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भूतों आत्माओं का अस्तित्व अब तक सिद्ध नहीं हो पाया है। विज्ञान के अनुसार, भूत-प्रेत की घटनाएं अक्सर मनोवैज्ञानिक पर्यावरणीय कारकों का परिणाम होती हैं। उदाहरण के लिए, कम रोशनी, थकान, मानसिक तनाव जैसे कारक भ्रम पैदा करते हैं, जिससे लोग भूतों को देखने या महसूस करने का दावा करते हैं। साथ ही साइंस ये बिल्कुल नहीं मानता है कि एक्सीडेंट में मरने के बाद लोग भूत बनते हैं।