अल्मोड़ा:-यूं तो संविधान में विधायिका व कार्यपालिका दोनों ही जनता की सेवा के लिए बनाए गए हैं, कार्यपालिका विधायिका की योजनाओं को अमलीजामा पहनाता है, विधायिका में आने वाले जनता के प्रतिनिधि होते हैं इसलिए संविधान उन्हें अहम स्थान देता है लेकिन योजनाओं को लेकर धरातल पर कार्य करने वाले अधिकारियों की ओर से अति उत्साह में किए गए कार्य विवाद की स्थिति पैदा कर देते हैं | बीते गुरुवार को एक मामले में विवाद की स्थिति पैदा हो गई | 31 दिसंबर को आजीविकी परियोजना के जिस कैफे का उद्घाटन डिप्टी स्पीकर रघुनाथ सिंह चौहान ने किया था | तीन दिन बाद ही प्रशासन ने अल्मोड़ा दौरे पर आए सीएम सचिव व कुमांऊ आयुक्त से बकायदा रिबन काटकर करा दिया | यही नहीं बेस चिकित्सालय में डायलिसिस मशीन के दोबारा संचालन के दौरान भी प्रशासन का रवैया भाजपा कार्यकर्ताओं को नागवार लगा | इस दौरान डायलिसिस मशीन को हाईकोर्ट के आदेश पर संचालन होने की बात जब कही गई तो भाजपा सहित डिप्टी स्पीकर रघुनाथ सिंह चौहान भी नारीज हो गए बिना नाम लिए उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने भी निर्देश दिए होंगे लेकिन प्रदेश सरकार ने इस व्यवस्था को स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के प्रतिबद्धता के तहत किया है | इस मामले को अधिकारियों को समझना चाहिए और यदि वह राजनीति ही करना चाहते हैं तो किसी दल में शामिल हो जाएं |
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