धन तेरस के दिन भर यातायात नियंत्रण को दौड़ती रही ट्रैफिक पुलिस
फोटो-एलआरसाह मार्ग में लगा जाम का एक दृश्य
अल्मोड़ा:- पहाड़ में पुराने शहर का खिताब धारण करने वाला शहर अव्यवस्थाओं से जूझते हुए वास्तव में बूढ़ा हो चुका है, तीज त्यौहार मेलों व अन्य अवसरों पर यहां घुसने वाला लोगों का रेला हमेशा चूहेदानी के चूहे की तरह कैद सा हो जाता है|
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शहर को सांस्कृतिक नगरी, बौद्धिक नगरी या हशीन वादियों का शहर नाम भले ही दिल बहलाने के लिये अपनाया जाता हो लेकिन यह कटु सत्य है कि इस शहर से बाहर निकलने का रास्ता आज तक नहीं बन पाया| इस बड़े मुद्दे पर फिलहाल कभी चर्चा करेंगे लेकिन यह हकीकत है कि शहर में घुसने वाले वाहनों के लिए बाहर निकलने या सही ढ़ंग से पार्किंग की कोई व्यवस्था नही है, पर्यटक स्थल की अवधारणा के उलट यहां वाहनों को प्रवेश प्रतिबंधित की शर्त पर शहर में प्रवेश दिया जाता है पुलिस के दर्जनों जवान रोज इसी मशक्कत में रहते हैं मानो ना मानो शायद यातायात नियंत्रण पुलिस का सबसे अहम काम रह गया है| कानून व्यवस्था भी कभी दूसरी प्राथमिकता सी रहती है|पुलिस अगर नो इंट्री के फार्मूले पर कार्य नहीं करे तो यहां यातायात का सरकना असंभव हो जाएगा|
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सोमवार को धनतेरस के दिन इस अव्यवस्था के हर कोई दो चार हुआ संकरी व अतिक्रमण की जद में आ चुकी सड़कों पर जब वाहनों का सैलाब उतरा तो जगह जगह जाम की स्थति बन गई माल रोड में जहां वाहनों का तातां दिखा वहीं आतरिक सड़कें दिन भर जाम से जूझती रही| एलआरसाह सड़क में जाम के चलते वाहन तो दूर राहगीरों का निकलना दूभर हो गया| एनटीडी को बाजार से जोड़ने वाली सड़क दिन भर कई बार जाम की जद में आई धारानौला सहित अन्य क्षेत्रों में वाहन लेकर बाजार को निकले लोग घंटो बाद पहुंच पाए| जाम का असर कई बार जाखन देवी तक दिखाई दिया जिसके चलते लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा|