श्रद्धालुओं को मिलेगा साईं बाबा की ऐतिहासिक पादुकाओं का दर्शन, 10 से 26 अप्रैल तक यात्रा आयोजित

साईं बाबा के भक्तों के लिए एक विशेष आध्यात्मिक अवसर आने वाला है। शिरडी साईं बाबा संस्थान ने 125 साल पुरानी मूल चमड़े की पादुकाओं…

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साईं बाबा के भक्तों के लिए एक विशेष आध्यात्मिक अवसर आने वाला है। शिरडी साईं बाबा संस्थान ने 125 साल पुरानी मूल चमड़े की पादुकाओं के दर्शन के लिए पादुका दर्शन समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह विशेष आयोजन 10 अप्रैल से 26 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें साईं बाबा की पवित्र पादुकाएं दक्षिण भारत के विभिन्न शहरों में भक्तों के लिए उपलब्ध कराई जाएंगी। यह आयोजन उन श्रद्धालुओं के लिए रखा गया है जो किसी कारणवश शिरडी जाकर दर्शन करने में असमर्थ हैं।

संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोरक्ष गाडिलकर ने बताया कि भक्तों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु के श्रद्धालुओं को बाबा की पादुकाओं के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा। इन ऐतिहासिक पादुकाओं को लेकर साईं मंदिर के पुजारियों, सुरक्षा गार्डों और साईं संस्थान के अधिकारियों सहित 20 सदस्यों की एक टीम यात्रा करेगी। दर्शन के दौरान सभी धार्मिक नियमों का पालन किया जाएगा और किसी भी भक्त के घर में पादुकाएं नहीं रखी जाएंगी।

यह निर्णय बॉम्बे उच्च न्यायालय की छत्रपति संभाजीनगर पीठ द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय समिति ने लिया है। इस समिति में अहिल्यानगर जिले के मुख्य न्यायाधीश, जिला अधिकारी और साईं संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शामिल हैं। इस फैसले के बाद सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को निर्बाध रूप से दर्शन का लाभ मिल सके।

पादुका यात्रा के दौरान 10 से 13 अप्रैल तक सांगली और पेठ वडगांव में, 14 से 18 अप्रैल तक कर्नाटक के दावणगेरे में और 19 से 26 अप्रैल तक तमिलनाडु के सलेम, करूर, पुलियामपट्टी और धर्मपुरी में दर्शन कराए जाएंगे। 26 अप्रैल को यात्रा समाप्त होने के बाद पादुकाएं शिरडी वापस लौटेंगी। इस दौरान साईं बाबा की पादुकाएं कुल 2776 किलोमीटर की यात्रा तय करेंगी, जिससे हजारों श्रद्धालु इस दुर्लभ और पवित्र दर्शन का लाभ उठा सकेंगे।