हकीकत : आयुष्मान कार्ड से नही मिल पा रहा इलाज

यहां देखें वीडियो पुल्ला के पूरन ने इलाज के लगाई मुख्यमंत्री से गुहार आयुष्मान कार्ड है इलाज तो करवा दो साहब जी नकुल पंत चम्पावत।…

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पुल्ला के पूरन ने इलाज के लगाई मुख्यमंत्री से गुहार

आयुष्मान कार्ड है इलाज तो करवा दो साहब जी

नकुल पंत चम्पावत। एक ओर अटल आयुष्मान योजना को लेकर राज्य तथा केंद्र सरकारें ढोल नगाड़े पीट रही हैं लेकिन योजना की हकीकत इलाज से ज्यादा प्रचार की बनी हुई है। बड़े बड़े होर्डिंग इस बात की गवाही दे रहे हैं। बताते चलें आयुष्मान योजना का शुभारंभ होने के बाद से ही लोगों को इलाज उपलब्ध न हो पाने के अलावा इलाज को लेकर प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी करने का आरोप लगता आ रहा है। ऐसा ही एक वाकया काली कुमाऊं के गुमदेश से है। आपको इस योजना से व्यथित पूरन का हाल जस का तस सुनाते हैं।

चंपावत काली कुमाऊं के गांव पुल्ला 55 वर्षीय वाले पूरन राम जैसे तैसे कपड़े सिलाई का कार्य कर परिवार का भरण पोषण करते रहे हैं। शुगर के साथ ही दिल की बीमारी से पीड़ित पूरन अपनी बीमारी से परेशान हैं। इसके इलाज के लिए उन्होंने कई नामचीन अस्पतालों में दौड़ा भागी की है। अंततः इलाज न हो पाने से परेशान उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर स्वयं के इलाज कराने, अस्पतालों की मनमानी में अंकुश लगाने तथा गरीबों को अस्पतालों में उचित सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है। उन्होंने अस्पतालों की ओर से मरीजों को मिल रही सुविधायें उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोहाघाट से हायर सेंटर रेफर किया गया था। कहा कि हल्द्वानी तथा बरेली के अस्पतालों में गोल्डन कार्ड होने के बावजूद जाकर चक्कर काटने के बाद उन्हें मायूस होकर घर लौटना पड़ा है। कहा कि इलाज कराने को लेकर पूर्व में वह सीएमओ चम्पावत से मिले लेकिन वहाँ से भी उन्हें नाकामी हाथ लगी।

पूरन का आरोप है कि अधिकांश प्राइवेट अस्पताल प्रबंधन इलाज से पहले धनराशि की मांग कर रहे है। खुद उन्हें राम मूर्ति अस्पताल प्रबंधन बरेली द्वारा पंद्रह हजार रुपये जमा करने को कहा गया। बावजूद इसके इलाज तो दूर 16 फरवरी को सौ रुपये पंजीकरण शुल्क रसीद नंबर 41665097 के साथ सशुल्क दवाइयां खरीद कर बैरंग वापस घर लौटना पड़ा । बताया कि जब उन्होंने इस बारे में सरकारी हेल्पलाइन नंबर 14555/1800111565 पर शिकायत करनी चाही तो बार बार डायल नंबर से संपर्क नहीं हुआ। इस बात से परेशान होकर उन्हें बिना इलाज के वापस आना पड़ा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर स्वयं के इलाज तथा आम जनता के लिए सभी चयनित अस्पतालों में उचित व्यवस्था उपलब्ध कराने की गुहार लगाई है।

गौरतलब है कि उच्च न्यायालय की ओर से आम जनमानस को उचित सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इस बावत उत्तराखंड सरकार को फटकार लगाने बाद भी स्वास्थ्य महकमे के हाल जस के तस बने हैं। ऐसे में जब एक आयुष्मान कार्ड धारक मरीज को यूं इलाज के लिए अस्पताल दर अस्पताल भटकना पड़ रहा है तो आम जन का तो फिर भगवान ही मालिक है।

बात अपनी अपनी

चम्पावत के जिला अस्पताल में मरीज को दिखाया गया है। मरीज को जरूरी परीक्षण के लिए सुशीला तिवारी के लिए रैफर किया गया। परीक्षण हेतु मरीज वहां ना जाकर कहीं अन्यत्र चला गया।

सीएमओ डॉ आरपी खंडूरी