एक निजी भूमि पर बने मंदिर के विवाद और उसमें पूजा करने के अधिकार का दावा करने से संबंधित अपील याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश का कहना है कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन भगवान ही मेरे सामने आ जाएंगे।
अपील याचिका में भगवान हनुमान को पक्षकार बनाने पर अदालत ने अपीलकर्ता पर ₹100000 का जुर्माना लगाते हुए उस पर टिप्पणी की है।
भूखंड को बताया भगवान हनुमान
अपीलकर्ता अंकित मिश्रा ने किसी अन्य पक्ष को भूमि के हस्तांतरण के संबंध में आपत्ति याचिका को खारिज करने वाले निचली अदालत के आदेश के अपीलकर्ता ने याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि अपीलकर्ता के पास मुकदमे की संपत्ति में कोई अधिकार, टाइटल या हित नहीं था।
इस याचिका में यह दावा किया गया था कि संपत्ति पर एक सार्वजनिक मंदिर था, इसलिए भूखंड भगवान हनुमान का है और अपील कर्ता व्यक्ति अदालत के समक्ष उसके उपासक के रूप में पेश हुआ है।