दिल्ली हाई कोर्ट ने आप नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अतिशी को विधान सभा में हुए चुनाव में भ्रष्टाचार के आधार पर निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।
जस्टिस ज्योति सिंह ने भारत के चुनाव आयोग दिल्ली पुलिस और कालकाजी विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी को नोटिस भी जारी किया है, जहां से आतिशी ने चुनाव जीता था। कोर्ट ने इस मामले में आगे की सुनवाई 30 जुलाई को रखी है।
सुनवाई के दौरान भारत के चुनाव आयोग और रिटर्निंग अधिकारी के वकील ने याचिका में उन्हें पक्षकार बनाए जाने पर आपत्ति भी जताई है।
कमलजीत सिंह दुग्गल और आयुष राणा की याचिका में आतिशी के चुनाव को चुनौती दी गई है जिसमें यह दावा भी किया जा रहा है कि उन्होंने और उनके चुनाव एजेंटों ने चुनाव के दौरान भ्रष्ट आचरण का प्रयोग किया। वकील टी सिंहदेव के माध्यम से दायर याचिका में चुनाव को अमान्य घोषित करने की मांग की गई है।
आप किसी ने कालकाजी सीट से चुनाव लड़ा था और वह जीत भी गई थी। उन्होंने अपने भाजपा प्रतिद्वंदी रमेश विधूड़ी को 3521 मतों से हराया था। याचिका करता कालकाजी क्षेत्र के ही निवासी हैं। चुनाव के लिए मतदान 5 फरवरी को हुआ था और नतीजा 8 फरवरी को आ गए थे। दूसरी ओर दिल्ली हाईकोर्ट ने लोक निर्माण विभाग के मंत्री प्रवेश वर्मा के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर भी नोटिस जारी किया है।
जस्टिस जसमीत सिंह ने नोटिस जारी किया और भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) और आप नेता अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित सहित 23 उम्मीदवारों से जवाब मांगा, जिन्होंने नई दिल्ली से चुनाव लड़ा था।
यह याचिका एक व्यक्ति ने दायर की है, जिसने दावा किया है कि उसे चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के लिए नामांकन दाखिल करने की अनुमति नहीं दी गई थी। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 27 मई को तय की है।