बेटी हो गई हैरान जब कब्रिस्तान से गायब हो गई पिता की कब्र,अब यह सच्चाई आई सामने, गहराया रहस्य

Shocking News: अगस्त 2022 में सुनैना अपने पति ब्रायन के साथ फिर से बारबडोस वापस गईं। वो पहले भी आना चाहती थीं, लेकिन कोरोना वायरस…

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Shocking News: अगस्त 2022 में सुनैना अपने पति ब्रायन के साथ फिर से बारबडोस वापस गईं। वो पहले भी आना चाहती थीं, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से कैरिबियन द्वीप समूह जाने में काफी पाबंदियां थीं। कब्रिस्तान पहुंचकर उन्हें कुछ गड़बड़ लगी।

Barbados Cemetery: किसी भी इंसान के लिए अपने माता-पिता को को देना जिंदगी का सबसे मुश्किल वक्त होता है। खास तौर पर उन्हें दफनाते या उनके अंतिम संस्कार करते हुए भी देखना काफी कष्टदायक होता है। उनके जाने के गम से उबरने में काफी वक्त भी लगता है अक्सर लोग अपनों की कबरों पर फूल चढ़ाने आते हैं और पत्थर पर लिखी उनकी यादें उन्हें यह एहसास दिलाता है। कि वह अब हमारे साथ हैं। अब जरा उस बच्ची के दुख की कल्पना कीजिए जिससे अपने पिता को आखिरी विदाई देने का भी मौका नहीं मिला और कुछ साल बाद उसे पता चला कि उनकी कब्र गायब हो गई है।

कब्रिस्तान से कब्र ही हो गई गायब

जोसेफ लिंच और उनकी पत्नी ग्रेटा, पुलिस ऑफिसर के पद से रिटायर होने के बाद बारबडोस चले गए थे। वो कपल अपने आखिरी सालों को इस खूबसूरत जगह पर बिताना चाहता था। 2014 में जोसेफ को अचानक प्रोस्टेट कैंसर हो गया और 20 नवंबर को 81 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। उनकी बेटी सुसैना उस वक्त जेल विभाग में काम करती थीं। वह अपने भाई के साथ तुरंत  बारबडोस के लिए फ्लाइट पकड़ने के लिए दौड़ीं, लेकिन वह उन्हें आखिरी विदाई देने के लिए समय पर नहीं पहुंच पाई पांच दिसंबर 2014 को परिवार ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया था।

बेटी सालों बाद लौटी तो ढूंढती रही कब्र

उन्होंने जोसेफ के अंतिम संस्कार में मोटरसाइकिल एस्कॉर्ट की मांग की थी लेकिन बारबडोस प्रशासन की तरफ से जल्दी जवाब नहीं आया और परिवार मोटरसाइकिल एस्कॉर्ट लेने का इंतजाम नहीं कर सका। अगस्त 2022 में सुसैना अपने पति ब्रायन के साथ फिर से बारबडोस वापस गईं। वह पहले ही आना चाहते थे लेकिन कोरोनावायरस की वजह से पाबंदियां थी। कब्रिस्तान पहुंचकर उसे कुछ गड़बड़ लगी वह अपने पिता की कब्र वाली जगह पर गई और उनके नाम का लकड़ी का क्रॉस ढूंढते रहे लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला।

प्रथा के चक्कर में गायब हो गईं कब्र

एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुसैना को वहां और भी बड़ा सदमा लगा। उनके पिता की कब्र ही गायब थी। वो बताती हैं, “पूरी कब्र ही नहीं थी। मेरे पति ने पूछा, क्या तुम सही जगह पर हो? मुझे लग रहा था कि मैं पागल हो गई हूं। मैं उसी जगह बार-बार घूमती रही, लेकिन मेरे पिता वहां नहीं थे।” कब्रिस्तान के एक कर्मचारी से पूछने पर उन्हें और भी बुरी खबर मिली।

बारबडोस के कब्रिस्तान में 5 साल बाद कब्रों को खोदकर, शवों को एक बड़े ‘बोन होल’ में ट्रांसफर कर दिया जाता है। सिंगापुर, जर्मनी और बेल्जियम में भी ऐसी प्रथाएं अपनाई जाती हैं।