ये दलदल नहीं सड़क है साहब , यहां से गुजरना जान हथेली पर रखना है

ये दलदल नहीं सड़क है साहब , यहां से गुजरना जान हथेली पर रखना है बरसात के बाद दलदल में तब्दील हुआ शीतलाखेत-मटीला मोटर मार्ग…

ये दलदल नहीं सड़क है साहब , यहां से गुजरना जान हथेली पर रखना है
बरसात के बाद दलदल में तब्दील हुआ शीतलाखेत-मटीला मोटर मार्ग

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अल्मोड़ा |  खबर में आप जो फोटो देख रहे हैं वह किसी दलदल का नहीं है| पर्यटन प्रदेश कहे जाने वाले उत्तराखंड की एक सड़क है| बारिश के पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं होने से ग्रामीण पर्यटन क्षेत्रों में एक पखवाड़े से लोगों का अावागमन बाधित हो रहा है| जिससे पर्यटकों व आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है|

शीतलाखेत -मटीला-काकडी़घाट मोटर मार्ग से कई गांवों के लोग आवागमन करते हैं लेकिन यह मार्ग बरसात में खतरनाक हो गया है और पिछले दो सप्ताह से बंद है। शीतलाखेत, मटीला, खरकिया, सूरी, बरसीला, पडयूला, गड़सारी के सैकड़ों ग्रामीण परिवारों के अलावा शीतलाखेत आने वाले पर्यटकों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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ग्रामीणों का कहना है कि अधिकांश जगहों पर सडक़ में नालियां नहीं बनीं हैं जिस कारण बरसात का पानी सड़क से होकर बह रहा है बडी़ गाडिय़ां दूर दोपहिया वाहनों का चलना भी मुश्किल हो गया है। लेकिन यह सारी अव्यवस्थाएं न तो जिम्मेदार विभाग को दिख रहीं हैं और न ही सरकार के नुमाइंदों को ही इससे कोई फर्क पड़ता दिख रहा है| जनप्रतििनधि तो खैर हमेशा ही चुप रहते हैं इस बार भी चुप ही हैं वैसे भी यह वर्ष चुनावी वर्ष नहीं है| इसलिए उनकी चुप्पी से किसी को आश्चर्य नहीं है लेकिन जिस परेशानी से लोग गुजर रहे हैं उसपर सिस्टम की यह उपेक्षा निराशा पैदा कर रही है|

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