‘प्लास्टिक वेस्ट न्यूट्रल’ को अपनाने वाली पहली भारतीय एफएमसीजी कंपनी( FMCG company) बनी डाबर: कंपनी के अधिकारियों का दावा

Dabur becomes first Indian FMCG company to adopt ‘Plastic Waste Neutral’ देहरादून, 26 मार्च, 2022: भारत की बड़ी ( FMCG company) डाबर इंडिया लिमिटेड अब…

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Dabur becomes first Indian FMCG company to adopt ‘Plastic Waste Neutral’

देहरादून, 26 मार्च, 2022: भारत की बड़ी ( FMCG company) डाबर इंडिया लिमिटेड अब 100 फीसदी ‘प्लास्टिक वेस्ट न्यूट्रल कंपनी’ बन चुकी है। डाबर ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान देश भर से लगभग 27,000 मीट्रिक टन प्लास्टिक वेस्ट इकट्ठा कर इसे प्रोसेस और रीसायकल किया है।

(Dabur becomes first Indian FMCG company to adopt ‘Plastic Waste Neutral’)


यह दावा देहरादून में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एक्जेकेटिव डायरेक्टर शाहरूख ए खान , एनवायरल हैल्थ एंड सेफ्टी तुषार पटनायक ने विस्तार से इसकी जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि डाबर इस ऐतिहासिक उपलब्धि को हासिल करने वाली भारत की पहली कन्ज़्यूमर गुड्स कंपनी बन गई है। आज डाबर उतनी ही मात्रा में प्लास्टिक वेस्ट को इकट्ठा कर इसे प्रोसेस एवं रीसायकल करती है, जितनी मात्रा में यह साल भर में अपने प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग के तौर पर बेचती है। इस तरह डाबर 100 फीसदी ‘प्लास्टिक वेस्ट न्यूट्रल’ कंपनी बन चुकी है।(Dabur becomes first Indian FMCG company to adopt ‘Plastic Waste Neutral’)

डाबर इंडिया लिमिटेड के एक्ज़क्टिव डायरेक्टर – ऑपरेशन्स शाहरूख ए. खान ने कहा।‘‘यह डाबर इंडिया परिवार के लिए बेहद गर्व की बात है कि हमने न सिर्फ हमारे शहरों, नगरों और गांवों से प्लास्टिक वेस्ट को इकट्ठा करने के लिए काम किया है, बल्कि इस अपशिष्ट को लैण्डफिल एवं समुद्रों में पहुंचने से रोका भी है।

इसमें पीईटी बोतलों, एचडीपीई बोतलों से लेकर पीपी कैप्स, मल्टी लेयर्ड प्लास्टिक और बेवरेज कार्टून तक हर तरह का प्लास्टिक वेस्ट शामिल है। समाज के प्रति ज़िम्मेदार कॉर्पोरेट होने के नाते डाबर हमेशा से पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए प्रयासरत रही है। हमने पर्यावरण की सुरक्षा, सामाजिक एवं प्रशासनिक कार्यों में उल्लेखनीय प्रगति की है और अब हम पहली भारतीय प्लास्टिक वेस्ट न्यूट्रल एफएमसीजी कंपनी बन गए हैं।’’(Dabur becomes first Indian FMCG company to adopt ‘Plastic Waste Neutral’)

श्री खान ने कहा कि डाबर ने साल 2021-22 मे देश भर से 22,000 मीट्रिक टन प्लास्टिक वेस्ट को इकट्ठा कर इसे प्रोसेस एवं रीसायकल करने का लक्ष्य रखा था। ‘‘हमने निर्धारित समय से तीन महीने पहले ही इस लक्ष्य को हासिल कर लिया है और साल भर के लिए अपने लक्ष्य को बढ़ाकर 26,956 मीट्रिक टन कर दिया है। हम देश भर में सरकार के साथ पंजीकृत रीसायक्लिंग पार्टनर्स के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और हमने शहरों, गावों एवं नगरों में प्लास्टिक वेस्ट में कमी लाने के लिए उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। हम आम जनता को प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के बारे में जागरूक भी बना रहे हैं। इकट्ठा किए गए प्लास्टिक वेस्ट को अलग-अलग रीसायकलर्स, वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट एवं सीमेंट किल्न में भेज दिया जाता है।’’(Dabur becomes first Indian FMCG company to adopt ‘Plastic Waste Neutral’)

प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेन्ट नियम 2016, 2018 (संशोधित) के तहत, डाबर ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेन्ट प्रयासों की शुरूआत साल 2017-18 में की। इस पहल के तहत डाबर अब तक देश के 150 शहरों में स्थानीय कूड़ा बीनने वालों की मदद से 54,000 मीट्रिक टन प्लास्टिक वेस्ट (रीसायक्लेबल और नॉन-रीसायक्लेबल) को इकट्ठा कर चुकी है। डाबर ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेन्ट पर राज्य एवं केन्द्र सरकार के नियमों और निर्देशों के अनुपालन को सुनिश्चित करने तथा इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सशक्त ऑडिट प्रणाली को भी अपनाया है।

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डाबर इंडिया लिमिटेड में कॉर्पोरेट हैड – एनवायरमेन्ट, हेल्थ एण्ड सेफ्टी श्री तुषार पटनायक ने बताया कि “पर्यावरण की सुरक्षा के अपने उद्देश्यों के मद्देनज़र डाबर ने उत्तराखण्ड में एक विशेष अभियान ‘सेव द एनवायरमेन्ट’ का लॉन्च भी किया है जो आम जनता को अपने घर में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेन्ट के बारे में जागरुक बनाता है। कंपनी प्लास्टिक बैग्स के बजाए कॉटन बैग्स के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए समुदायों में कॉटन बैग्स भी बांटेगी।“


उत्तराखण्ड में प्लास्टिक वेस्ट संग्रहण अभियान की शुरूआत 2018-19 में की गई और डाबर अब तक राज्य में 1188 मीट्रिक टन से अधिक प्लास्टिक वेस्ट इकट्ठा कर चुकी है।

उन्होंने कहा कि अपने इस प्रयासों के तहत डाबर छोटे नगरों एवं गांवों के स्कूली बच्चों के साथ भी काम कर रही है, उन्हें विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट और इन्हें अलग करने के फायदों के बारे में जागरुक बना रही है। ‘‘हम सरकारी स्कूलों को भी कूड़ा दान, सेनिटेशन सुविधाएं, जानकारी, शिक्षा सामग्री आदि उपलब्ध कराकर उनकी मदद कर रहे हैं। हमारा मानना है कि अपने इन प्रयासों से हम स्वच्छ भारत एवं स्वच्छ उत्तराखण्ड के निर्माण में उल्लेखनीय योगदान दे सकते हैं। हम राज्य में स्थानीय कूड़ा बीनने वालों, कूड़ा इकट्ठा करने वालों और रीसायकलर्स की आजीविका एवं स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए भी प्रयासरत हैं।”


श्री पटनायक ने कहा कि डाबर नवम्बर 2018 से केन्द्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के साथ पंजीकृत कंपनी है और देश के सभी राज्य प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड्स के साथ भी जुड़ी है। यह देश भर से विभिन्न प्रकार के प्लास्टिक वेस्ट इकट्ठा करती है। ‘‘हम अपने संचालन क्षेत्रों में प्राकृतिक स्रोतों पर कम से कम प्रभाव उत्पन्न करने के लिए काम करते हैं और इसके लिए हम न सिर्फ नियमों का पालन करते हैं बल्कि पूरी ज़िम्मेदारी के साथ अपने देश और अपनी धरती की सुरक्षा के लिए भी काम करते हैं। हम आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती की खूबसूरती एवं संसाधनों को बरक़रार रखना चाहते हैं। डाबर में हम अपने हर कदम के साथ स्थायी भविष्य की दिशा में कार्यरत हैं।’’