दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 7 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं, लेकिन भारत में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें नहीं घट रही हैं।
बताया जा रहा है कि सरकारी तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दामों में बढ़ोतरी के बावजूद बीते 5 महीनों तक ईंधन के खुदरा मूल्य को थामे रहीं और अब वे इस दौरान हुए अपने नुकसान की भरपाई कर रही हैं।
मामले पर तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम ऊंचे होने के बावजूद जनता को स्थिर कीमतों पर पेट्रोल, डीजल उपलब्ध कराने से सरकारी तेल कंपनियों को नुकसान हुआ था। उन्होंने कहा, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें अधिक थीं, तो हम सस्ती दरों में ईंधन मुहैया करा रहे थे। हालांकि उन्होंने 6 अप्रैल से दरों को स्थिर रखने पर तेल कंपनियों को कुल कितना नुकसान हुआ, इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी।