Coronavirus Lock down: दिल्ली में फिर 165 से अधिक उत्तराखण्डी फंसे

Coronavirus सामाजिक संगठनों की अनूठी पहल आवास, खाना, पैसा देने की पहल की डेस्क, 27 मार्च 2020कोरोना संक्रमण (Corona virus) की संभावनाओं पर लाॅक डाउन…

Lock down

Coronavirus सामाजिक संगठनों की अनूठी पहल आवास, खाना, पैसा देने की पहल की

डेस्क, 27 मार्च 2020
कोरोना संक्रमण (Corona virus) की संभावनाओं पर लाॅक डाउन (Lock down)
के बीच दिल्ली में फंसे लोगों की एक बड़ी खेप उत्तराखण्ड आने को छटपटा रही है. वैसे तो इस संकट के बीच अनुमान के तौर पर 5 हजार लोग फौरी तौर पर घर लौटना चाहते हैं लेकिन इस बीच दिल्ली गए और किसी कारण से अन्य प्रदेशों से लौटे लोगों की बड़ी संख्या दिल्ली में अभी भी फंसी है.

यूपी सरकार की मदद से 150 से अधिक लोग बीते दिवस उत्तराखण्ड आने में सफल हुए लेकिन स्थानीय समाजसेवियों के प्रयासों से 94 लोगों की एक सूची आज रात फिर तैयार हो गई है. (Corona virus)

ज्ञात हो कि उत्तराखण्डी फंसे लोगों की मदद में लगे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपने प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए एक सोशल मीडिया ग्रुप भी बनाया है. इंटरनेट का बखूबी उपयोग करते हुए फंसे लोगों से सेल्फ रिपोर्टिंग फार्म भरकर उनके आंकड़े तैयार किए जा रहे है. उत्तराखण्ड के नौकरशाहों की निष्क्रियता के चलते अत्यधिक कॉल आने पर यह निर्णय लिया गया.

यूके दिल्ली स्टैण्डर्ड नामक इस ग्रुप के लोगों ने उत्तराखण्ड से दिल्ली में काम कर रहे लोगों ने पहाड़ न जाने की अपील की और कहा कि अत्यधिक संकट में प्रवासी उत्तराखण्डी उनकी मदद को तैयार है. बावजूद इसके दिल्ली घूमने गए अथवा अपने काम से एक दो रोज गए अथवा बाहरी प्रदेशों से लॉक डाउन तक यहां पहुंचे अनेक यात्री यहां बुरी तरह फंसे है. राज्य सरकार द्वारा जारी हेल्पलाईन नंबरों पर प्रतिक्रिया न मिलने के कारण वे छटपटा रहे है. (Corona virus)

अनेकों का कहना है कि वे गाजियाबाद किसी होटल में फंसे है. तो किसी के पास नोएडा से दिल्ली जाने का पैसा नहीं है. किसी की घर पर खुद की शादी है तो किसी के परिजन बीमार है और उनका दिल्ली में कोई ठिकाना नहीं है.

सामाजिक कार्यकर्ता डाॅ विनोद बछेती ने बताया कि 27 मार्च की रात तक व्यौरा जुटाने पर 165 लोगों की एक सूची तैयार की जा चुकी है. जिन्हें प्रदेश सरकार की सख्त मदद की जरूरत है.

ज्ञात हो कि प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली में फंसे श्रमिकों की मदद के लिए 50 लाख रूपए जारी करने का बयान दिया है. उनका कहना है कि ये श्रमिक नहीं है यहां के निवासी है जो किसी कारण दिल्ली में फंस गए है. प्रदेश सरकार को चाहिए कि श्रमिकों को अलग से चिन्हित करे और नौकरशाही को इस काम को मुस्तैदी से करना चाहिए. (Corona virus)

फंसे लागों को कहां एकत्र होना है क्या करना है कुछ नहीं पता है. हेल्पलाईन को एक्टिव करना होगा यह काम नौकरशाही के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता. अल्मोड़ा के पंकज जोशी ने बताया कि हम सभी इन लोगों को राहत पहुंचाने के प्रयास में लगे है. अनेक प्रवासी उत्तराखण्ड के लोग और सामाजिक संस्थानाओं ने इस ग्रुप में खाने, पैसे और भवन देने की पेशकस भी की है. यह राज्य आंदोलन की याद दिलाता है जहां क्षेत्रीय भावना से ओतपोत होकर लोग मदद कर रहे हैं.

ज्ञात हो कि सामाजिक कार्यकर्ताओं का यह समूह तेजी से इस प्रकार के लोगों को चिन्हित कर रहा है. 165 लोगों की इस सूची में अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल, पिथौरागढ़, टिहरी, उधम​सिंह नगर आदि जिलों के लोग हैं और अधिकांश युवा है. इनके अनुसार ये अन्य राज्यों से लौट रहे थे अथवा दिल्ली किसी काम से गए है और लाॅकडाउन के कारण वे दिल्ली परिक्षेत्र गुडगांव, नोएडा, गाजियाबाद आदि स्थानों फंस गए है.

अल्मोड़ा धौलादेवी के बागवपाली व दियारखोली आदि गाॅव के दो दर्जन से अधिक लोग इस सूची में शामिल किए जा रहे हैं. डाॅ विनोद बछेती, ब्रजमोहन उप्रेती, हरपाल रावत, सरिता कठैत, पंकज जोशी आदि सामाजिक कार्यकताओं ने दिल्ली निवासियों अथवा यहां रहकर काम करने वालों से पहाड़ न जाने का अनुरोध किया है लेकिन प्रदेश सरकार से अनुरोध किया है कि यहां अकारण फंसे लोगों की व्यवस्था के लिए अधिकारियों को मुस्तैद करने की आवश्यकता है.

यह सूची उत्तराखण्ड सरकार के अधिकारियों को भेजी जा रही है. यूपी सरकार की बसों और एम्बुलेंस आदि के सहारे लोगों को एकत्र करने का प्रयास भी जारी है. अनुमान है कि करीब 10 बसों की सहायता से इन लोगों की जाॅच कर प्रदेश में लाया जाएगा। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि इन लोगों को राहत न पहुंची तो ये भी अन्य राज्यों की भाॅति पैदल पहाड़ों को जाने का मन बना रहे हैं. (Corona virus)