Almora- एक साल से कोरोना (Corona) मरीजों की सेवा कर रहे डा. चंचल, छुट्टी तक नहीं ली

अल्मोड़ा, 28 अप्रैल 2021- कोरोना (Corona) संक्रमण के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सा पेशे से जुड़े लोगों ने अहम जिम्मेदारी निभाई है।कई बार सीमित संसाधनों…

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अल्मोड़ा, 28 अप्रैल 2021- कोरोना (Corona) संक्रमण के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सा पेशे से जुड़े लोगों ने अहम जिम्मेदारी निभाई है।
कई बार सीमित संसाधनों में भी सराहनीय सेवा दी है तो ड्यूटी को सर्वोपरि मानते हुए अपने निजी व व्यक्तिगत जीवन से आगे बढ़ते हुए सेवा की शानदार मिशाल पेश की है।

अल्मोड़ा में निर्माणाधीन मेडिकल कालेज को कोविड (corona) अस्पताल बनाया गया है। मरीजों की कोरोना की जांच से लेकर पॉजिटिव मरीज को भर्ती करना और ठीक होने पर घर भेजने का काम डा. चंचल सिंह मारछाल देख रहे है जो सुबह से लेकर देर रात तक यही काम करते है।

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हालत यह है कि कई बार तो रात को भी मरीज को अस्पताल लाना पड़ता है। बड़ी हुई जिम्मेदारियों को पूरा करने के जुनून में वह पिछले एक साल से कोई छुट्टी भी नहीं ले पाए हैं। डा. मारछाल बेस अस्पताल में निस्चेतक के पद पर तैनात है। मूल रुप से पिथौरागढ़ के धारचूला के रहने वाले मारछाल अपने गांव पिछले एक साल से नही गये‌। होली दीपावली में भी ड्यूटी में व्यस्त मारछाल ने लोगों की सेवा का धर्म अपनाया।

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डा. चंचल मारछाल का कहना है कि यह वक्त अपनी जरूरतों और सुविधाओं को दरकिनार कर लोगों की मदद करने का है। उनका कहना है कि कई बार ऐसी स्थिति भी बनी कि Corona मरीजों को लाने के लिए ड्राईवरों ने नौकरी छोड़ दी, फिर भी चालकों से निवेदन कर ही काम चलाया किसी भी मरीज को अस्पताल आने और घर जाने में कोई परेशानी नही हुई।

दिन तो व्यस्तताओं वाला है ही लेकिन कई बार तो लोग रात को भी फोन करते है कि उनके मरीज की हालत बिगड़ गयी अपस्ताल लाने के लिए एम्बुलेस भेज दो । इसके बाद चालक को उठाया जाता है फिर मरीज को अस्पताल लाया जाता है।

ड़ा. चंचल मारछाल ने कहा कि अल्मोड़ा जिले में 4 हज़ार से अधिक मरीज कोरोना (Corona) पाजिटिव हो चुके हैं जिसमें से 39 हजार से अधिक मरीज ठीक होकर घर लौट गये है। हांलांकि जबकि ढाई दर्जन से अधिक लोग कोरोना के कारण अपनी जान गवा चुके है।

उन्होंने कहा कि अस्पताल में आए मरीजों को उपलब्ध सुविधाओं का शत-प्रतिशत लाभ देने का प्रयास मौजूद डाक्टरों की टीम कर रही है।
बताते चलें कि अल्मोड़ा में डाक्टर चंचल मारछाल सहित कई डाक्टर और स्टाफ व स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोग पिछले एक साल से कोरोना (Corona) अस्पताल में काम कर रहे है।

उन्होंने पिछले एक साल से अपना घर जाना भी छोड़ दिया है सुबह उठने से लेकर रात सोने तक सिर्फ लोगों को जान बचाना ही अपना कर्तव्य समझ लिया है। ऐसे सभी लोगों की जितनी सराहना की जाय उतनी कम है।

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