Corona ने बताया जीवन के मायने- प्रो. जेपी पचौरी

नैनीताल, 20 मई 2021 नैनीताल। Corona संक्रमण की प्रभावी रोकथाम के लिए मानसिक स्वास्थ्य, रोग प्रतिरोधक क्षमता एवं सकारात्मकता को बढ़ाने हेतु कुमाऊँ विश्वविद्यालय के…

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नैनीताल, 20 मई 2021

नैनीताल। Corona संक्रमण की प्रभावी रोकथाम के लिए मानसिक स्वास्थ्य, रोग प्रतिरोधक क्षमता एवं सकारात्मकता को बढ़ाने हेतु कुमाऊँ विश्वविद्यालय के योग विज्ञान विभाग द्वारा चलाये जा रहे दस दिवसीय राष्ट्रीय योग जागरूकता अभियान “योग जागरण” का कुलपति, हिमालयन विश्वविद्यालय देहरादून प्रो. जेपी पचौरी द्वारा गूगल मीट के माध्यम से ऑनलाइन समापन किया गया तथा योग प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन भी किया गया।

मुख्या अतिथि प्रो. जेपी पचौरी ने अपने समापन उद्बोधन में बताया कि कोरोना संकट के समय हम कैसे स्वयं को अवसाद से दूर रखें, सकारात्मक विचारों से लबरेज कैसे रहें एवं तनाव को कम कैसे करें। उन्होंने कहा कि जीवन में बाहरी और आंतरिक दो तरह की प्रेरणा होती है। बाहरी प्रेरणा पाकर इंसान धन कमाने जैसा काम करता है और आंतरिक प्रेरणा से व्यक्तित्व सुधारने, दूसरों की मदद करने, मानसिक शांति पाने और ज्ञान अर्जित करने या किसी खेल गतिविधि का आनंद उठाने के लिए होता है। कोरोना बीमारी ने लोगों को यह जानने का मौका दिया है कि जीवन में क्या ज्यादा मायने रखता है।

उन्होंने कहा कि मानव में जो विराट शक्तियाँ भी छिपी हुई हैं, उनका सही उपयोग किया जाए तो नि:संदेह मनुष्य सर्वज्ञता और महानता जैसी स्थिति को प्राप्त कर सकता है और यही स्थिति कोरोना मुक्ति की सार्थक दिशा है। वेदों के इस सिद्धांत का स्मरण कर आप अपनी सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाकर उसे ऊँचाई के स्तर तक ले जा सकते हैं। इसी के साथ जीवन की समझ होना भी बेहद जरूरी है, इसके लिये संयम, समर्पण, अनुशासन जैसे मूल्यों को जीना ही होगा।

इस अवसर पर योग शिक्षिका डॉ सीमा चौहान ने कहा कि योग सिर्फ शारीरिक व्यायाम भर नहीं, बल्कि एक ऐसी स्वस्थ जीवनशैली है जो मन का स्वास्थ्य भी संवारती है। योग के अलावा दुनिया में ऐसा कोई व्यायाम नहीं जो इंसान को आत्मिक स्तर पर भी परिष्कृत करता हो। योग को एक आध्यात्मिक प्रक्रिया भी माना गया है। जो शरीर, मन और आत्मा को जोड़ते हुए सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवन की राह सुझाती है।

समापन कार्यक्रम का संचालन करते हुए योग जागरण कार्यक्रम के संयोजक एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. डी.एस.बिष्ट ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में सकारात्मकता बनाए रखने के लिए अपने परिजनों तथा आस-पास वालों के साथ प्रतिदिन योग एवं अन्य रचनात्मक गतिविधियों में सक्रियता से भागीदारी सुनिश्चित करें साथ ही जन कल्याण की प्रार्थना करें, इससे वातावरण में सकारात्मक तरंगों का निर्माण होगा एवं सकारात्मकता आयेगी।

इसी के साथ उनके द्वारा दस दिवसीय राष्ट्रीय योग जागरूकता अभियान “योग जागरण” में के आयोजन एवं सञ्चालन में सहयोग हेतु कुलपति प्रो एनके जोशी के साथ ही सभी योग विशेषज्ञों, मनोवैज्ञानिकों, विद्वतजनों एवं छात्र-छात्राओं का आभार भी व्यक्त किया गया।

इस दौरान योग जागरण कार्यक्रम के संयोजक प्रो. डीएस बिष्ट ने बताया कि विभाग द्वारा आयोजित योग प्रतियोगिता में शुभम विश्वकर्मा, ईशिता राजपूत, आशीष कुमार, पलास मेहरा एवं कृष्णा मुरारी ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ एवं पंचम स्थान प्राप्त किया है। योग प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल के रूप में प्रो. सुरेश वर्णवाल, डॉ. विनोद नौटियाल, डॉ. लक्ष्मी नारायण जोशी, डॉ. सीमा चौहान एवं दीपा आर्या द्वारा सहयोग दिया गया।

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