कोरोना फाइटर (corona fighter) के रूप में पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर समाज में पेश की एक मिसाल
नकुल पंत
लोहाघाट(चम्पावत), 17 अप्रैल 2020
वह अमूमन खादी सूट, कंधे में झोला लटकाए गरीब और बेसहारा लोगों को उनका हक दिलाने के लिए अपने कार्यक्षेत्र की ओर निकल पड़ती है। उसे ना तो तपती दुपहरी की फिक्र है ना हवा तूफान का इल्म। बस उसका एक ही मकसद है जन सेवा। इस जन सेवक से मिलकर हमको वह मुहिम शुरू होती दिखी जो असहाय, गरीबों, दिव्यांग जनों की सेवा और उनके हकों हुकूक के लिए उठनी लाजिमी है।
हमारी टीम को जानकारी मिली कि काली कुमाऊं की एक समाज सेवक रीता गहतोड़ी भी कोरोना फाइटर्स के रूप में अपनी सेवा समाज के नाम कर चुकी हैं। तो हम भी पीछे चल पड़े उस मुहिम की ओर जो समाज में एक गजब का संदेश दे रही है। और वह संदेश है “दो हाथ दूर और दो हाथ साफ ” , के साथ अपने खून का एक एक कतरा कोरोना फाइटर्स (corona fighter) के नाम।
अपने खून के एक एक कतरे को किया कोरोना फाइटर्स (corona fighter) के नाम समर्पित
काली कुमाऊं लोहाघाट के पाटन पाटनी क्षेत्र चांदमारी के जगदंबा कालोनी में रहने वाली रीता गहतोड़ी के कार्यों की जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी समेत कई आला अधिकारी सराहना कर चुके हैं। रीता का कहना है कि उसका खून जरूरतमंद कोरोना फाइटर्स (corona fighter)के लिए समर्पित है ओर इस संबंध में उन्होंने उप जिलाधिकारी के माध्यम से जिला प्रशासन को अवगत करा दिया है।
पर्यावरण मित्रों के पैर धोकर उनके जज्बे को दिया सम्मान
अम्बेडकर जयंती के अवसर पर रीता ने नगर पंचायत लोहाघाट की साफ सफाई का जिम्मा संभालने वाले पर्यावरण मित्रों से मिलकर उनके कार्यों की काफी सराहना की। इस बीच रीता ने घर घर जाकर पर्यावरण मित्र के पैर धोकर उनकी पूजा अर्चना कर समाज को एक और संदेश दिया है। रीता कहती है वाल्मीकि समाज देश का सबसे सच्चा सेवक है। जो कोरोना जैसी महामारी में भी जी जान से जुटा रहता है।
वास्तव में रीता एक ऐसी बेटी है जिसने समाज में बढ़ रही कुरीतियों के खिलाफ लड़ने, दलितों को सम्मान दिलाने में आगे रहते हुए समाज में महिला सशक्तिकरण की ताकत का अहसास कराया है।