अल्मोड़ा के गोपाल दत्त उप्रेती के खेत में उगा धनिया गिनीज बुक आफ रिकार्ड(Coriander Guinness Book of Records) में शामिल, अब हर कोई कर रहा है तारीफ

Coriander Guinness Book of Records

Coriander Guinness Book of Records

Coriander grown in Gopal Dutt Upreti’s farm in Almora included in the Guinness Book of Records, now everyone is praising

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रिपोर्ट उत्तरा न्यूज

अल्मोड़ा : 04जून 2020— ताडीखेत के बिल्लेख गांव निवासी गोपाल दत्त उप्रेती ने जैविक पद्धति से रिकार्ड लंबाई का धनिया उगाया है. यह धनिया 7फुट एक इंच लंबाई का है जो गिनीज बुक आफ रिकार्ड (Coriander Guinness Book of Records)में शामिल हो गया है.


गिनीज बुक ने इसे Title:Tallest coriander plant of world(टालेस्ट कोरीयेंडर प्लांट आफ वर्ड शीर्षक)दिया है.
गोपाल उप्रेती द्वारा उगाए गए इस धनिये की पौध को पिछले महिने इसे गिनीज बुक आँफ इण्डिया में स्थान मिला था.

उन्होंने बिल्लेख में फल और सब्जी उत्पादन करने का काम किया है. इस धनिये को उगाने में पूरी तरह जैविक खाद का इस्तेमाल किया गया है और इसे पॉलीहाउस की बजाय प्राकृतिक रूप से उगाया गया है.

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अल्मोड़ा के मुख्य उद्यान अधिकारी टीएन पांडे ,उत्तराखंड ऑर्गेनिक बोर्ड के सेंट्रल इंचार्ज रानीखेत के डॉक्टर देवेंद्र सिंह नेगी, एडीओ ताड़ीखेत इन्द्र लाल जी तथा प्रभारी बिल्लेख राम सिंह के सहयोग से उन्होंने यह कार्य किया है.

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उप्रेती का कहना है कि जैविक खेती की प्रेरणा उन्हें उनकी पत्नी ने दी और जैविक उत्पादों की मांग तेजी से महानगरों की तरफ बढ़ रही है.

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इससे पूर्व अप्रेल में भी उद्यान विभाग की टीम ने वहां का निरीक्षण किया था और उम्मीद जताई थी कि यह धनिया गिरीज बुक आफ रिकार्ड में दर्ज हो सकता है। उनका कहना है कि गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में विश्व के सबसे सर्वाधिक लंबाई के धनिए के पौधे को जिसकी ऊंचाई 5 फुट 11 इंच की थी उसके उन्होंने चुनौती दी थी. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी बीना उप्रेती ने उन्हें जैविक खेती के लिए प्रेरित किया.

उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान उगाए गए यह रिकार्ड सभी को जैविक खेती के प्रति आकर्षित करेगा. कहा कि उत्तराखंड में जैविक बागवानी और कृषि की अपार संभावनाएं हैं .

कहा कि ‘धनिया की फसल ने इस बात को सिद्ध कर दिया है. मेरा नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज होने से जैविक बागवानी कृषि को बढ़ावा मिलेगा तथा देश के किसानों में प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न होगी जो देश की कृषि को आगे बढ़ाने के लिए शुभ संकेत होंगे.’

इधर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी उन्हें बधाई दी है उन्होंने फोन कर उप्रेती को बधाई देते हुए कहा कि इससे किसानों का सम्मान और देवभूमि का मान बढ़ा है.और इसे प्रदेश के युवा भी प्रेरित होंगे.