अयोध्या में राम मंदिर परिसर में हुई ड्रोन गिरने की घटना ने सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस को एक बड़ी चुनौती दी है। यह घटना सोमवार शाम को गेट नंबर 3 पर घटित हुई, जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी। पुलिस ने बताया कि यह घटना भगदड़ मचाने की साजिश का हिस्सा हो सकती है, क्योंकि ड्रोन को जानबूझकर श्रद्धालुओं के बीच गिराया गया था।
हालांकि, राम मंदिर परिसर में सुरक्षा के कड़े उपाय किए गए हैं, जिनमें एंटी ड्रोन सिस्टम का उपयोग किया जाता है। इस सिस्टम ने तत्परता से कार्य करते हुए ड्रोन को गिरने से पहले ही नष्ट कर दिया, जिससे भगदड़ और संभावित खतरों से बचाव हुआ। राम मंदिर और उसके आसपास श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण यह प्रणाली विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। एंटी ड्रोन सिस्टम का दायरा ढाई किलोमीटर तक है, जिससे यह किसी भी उड़ते ड्रोन को अपनी तरफ खींच सकता है और नष्ट कर सकता है।
पुलिस ने इस मामले में एक अज्ञात युवक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है और अब उसकी तलाश जारी है। इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को भी सचेत कर दिया है और वे अब इस मामले की गहन जांच कर रही हैं। इसके अलावा, खुफिया एजेंसियां भी अब अलर्ट मोड पर हैं, खासकर महाकुंभ के दौरान अयोध्या में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति को देखते हुए।
समग्र रूप से, यह घटना यह दर्शाती है कि सुरक्षा उपायों की तत्परता और प्रभावी तरीके से काम करने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी प्रकार के खतरे से बचा जा सके।