अल्मोड़ा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने धो डाला नेताओं को : कहा एक सीट पर चार दावेदार किसने पैदा किए अल्मोड़ा में आयोजित हुई कांग्रेस की बैठक

अल्मोड़ा।कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अल्मोड़ा में आयोजित जिला बैठक में अपने नेताओं को एक प्रकार से धो डाला। मंच से बोलने का मौका मिलने पर कार्यकर्ताओं…

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congress ki baiyhak

अल्मोड़ा।कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अल्मोड़ा में आयोजित जिला बैठक में अपने नेताओं को एक प्रकार से धो डाला। मंच से बोलने का मौका मिलने पर कार्यकर्ताओं ने जमकर हाईकमान को उसके कमजोर निर्णयों के लिए कोसा।


मौका था अल्मोड़ा में कांग्रेस की बैठक में कार्यकर्ताओं ने साफ रूप से चेताया कि ऐसे ही हाल रहे थो चुनाव जीतना एक स्वप्न हो जाएगा और यहां तक की नाम लेवा तक कोई नहीं रहेगा।​ इस मंथन कार्यक्रम में मंच पर प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह,पूर्व सीएम हरीश रावत,पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष गोविं​द सिंह कुंजवाल, उपनेता प्रतिपक्ष करन महरा पूर्व विधायक मनोज तिवारी,पालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी सहित कई दिग्गज मौजूद थे।


कांग्रेस में नेता प्रधान संस्कृति बढ़ रही है गुटबाजी चरम पर है यह खबर पहले जुंबा पर थी आज मंच से उठी। अपनी बारी आने पर वक्ताओं ने मंच पर बैठे दिग्गजों को अपने तरीके चेताया, समझाया और कार्यसंस्कृति सुधारने की नसीहत भी दी। कार्यकर्ताओं ने कहा कि कार्यक्रम के बीच जो लोग व्यक्ति विशेष के प्रति नारेबाजी कर रहे हैं वह कभी भी संगठन के प्रति समर्पित नहीं हो सकते हैं। हालांकि वक्ताओं ने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन हर गुटबंदी की चर्चाओं पर मुहर लगा दी।


सूत्रों के अनुसार बैठक में पहली बार कार्यकर्ता मौका आने पर नहीं चूके वक्ताओं ने कहा कि कार्यकर्ताओं को मजबूत करने की बजाय नेता प्रधान संगठन किसने बनाया, दल बदल चुके व्यक्ति को अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसने दी। हर व्यक्ति अपने समर्थकों के साथ खुद को संगठन से ऊपर रखकर नेतागिरी क्यों कर रहा है। लोकसभा चुनावों में संगठन के बजाय व्यक्ति विशेष को क्यों तरजीह दी गई। यहीं नहीं कार्यक्रम की शुरूआत में जिस तरह कई नेताओं ने खुद को प्रस्तुत करने और एक नेता द्वारा अपनी मजबूती दिखा कर जयजयकार करना कई को नागवार गुजरा, कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने कहा कि कार्यकर्ताओं को मजबूत करना, संगठन को सर्वोच्च रखना और ईमानदारी से काम करना कांग्रेस को शुरू करना होगा अन्यथा संगठन भी कमजोर होगा और समर्पित कार्यकर्ता भी खुद ​​​​शिथिल हो जाएंगे। कार्यकर्ताओं की नाराजगी को प्रदेश नेतृत्व से आए नेतागण चूपचाप सुनने को बाध्य हो गये। बूथ लेबल पर कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को नेपथ्य में रखने की परंपरा पर भी सभी ने नाराजगी जताई।