बधाई : ​दिल्ली सरकार ने गठित की गढ़वाली—कुमाऊॅनी—जौनसारी भाषा अकादमी

लोक गायक हीरा सिंह राणा होगें पहले उपाध्यक्ष दिल्ली। दिल्ली सरकार ने उत्तराखण्ड की गढ़वाली—कुमाऊॅनी—जौनसारी भाषा के संवर्धन और विकास के लिये एक अकादमी गठित…

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लोक गायक हीरा सिंह राणा होगें पहले उपाध्यक्ष

दिल्ली। दिल्ली सरकार ने उत्तराखण्ड की गढ़वाली—कुमाऊॅनी—जौनसारी भाषा के संवर्धन और विकास के लिये एक अकादमी गठित कर दी है। लोक गायक हीरा सिंह राणा इसके पहले उपाध्यक्ष होगें। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसके पदेन अध्यक्ष होगे। अकादमी उत्तराखण्ड की प्रमुख भाषा गढ़वाली—कुमाऊॅनी—जौनसारी, जौहार और दारमा घाटी सहित उत्तराखण्ड के विभिन्न इलाकों में बोली जाने वाली बोलियों के संरक्षण और संवर्धन का कार्य करेगी

दिल्ली सरकार के नंबर 2 मंत्री मनीष सिसौदिया ने आज टवीट कर इसकी जानकारी दी। इस मौके पर उनके साथ नव​गठित अकादमी के उपाध्यक्ष हीरा सिंह राणा और वरिष्ठ पत्रकार चारू तिवारी भी मौजूद थे।


मनीष सिसौदिया ने टवीट कर बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा गठित यह देश की पहली अकादमी है जो उत्तराखंड से सम्बद्ध भाषा साहित्य संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए काम करेगी।
बता दे कि दिल्ली में 20 से 25 लाख उत्तराखण्डी प्रवास करते है और इस फैसले से केजरीवाल सरकार ने उत्तराखण्ड वासियों का दिल जीतने का प्रयास तो किया ही साथ ही उत्तराखण्ड की सरकारों को भी आईना दिखाया जो कि राज्य गठन के 19 वर्ष होने पर भी इस दिशा में कार्य करने में असफल रहे है।

इस अकादमी का प्रस्ताव 2013 में केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार के समय आ गया था और सरकार ने सिद्धांतत: यह मांग मान ली थी। लेकिन उस समय यह सरकार 39 दिनों तक ही चल पाई। इसकी पहल वरिष्ठ पत्रकार चारू तिवारी और सुशील बहुगुणा ने की थी। अकादमी का गठन होने से दिल्ली में रह रहे प्रवासी उत्तराख​ण्डियों की मांग अब जाकर पूरी हुई है।