मनीष सिसौदिया ने टवीट कर बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा गठित यह देश की पहली अकादमी है जो उत्तराखंड से सम्बद्ध भाषा साहित्य संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए काम करेगी।
बता दे कि दिल्ली में 20 से 25 लाख उत्तराखण्डी प्रवास करते है और इस फैसले से केजरीवाल सरकार ने उत्तराखण्ड वासियों का दिल जीतने का प्रयास तो किया ही साथ ही उत्तराखण्ड की सरकारों को भी आईना दिखाया जो कि राज्य गठन के 19 वर्ष होने पर भी इस दिशा में कार्य करने में असफल रहे है।
बधाई : दिल्ली सरकार ने गठित की गढ़वाली—कुमाऊॅनी—जौनसारी भाषा अकादमी
लोक गायक हीरा सिंह राणा होगें पहले उपाध्यक्ष दिल्ली। दिल्ली सरकार ने उत्तराखण्ड की गढ़वाली—कुमाऊॅनी—जौनसारी भाषा के संवर्धन और विकास के लिये एक अकादमी गठित…