आज Live होने वाली है दो ट्रेनों में टक्कर, जिसमें एक ट्रेन में सवार होंगे खुद रेल मंत्री, जानिए क्यों होने वाली है टक्कर

आज भारतीय रेल (Indian Railways) एक नया इतिहास रचेगा। आज सिकंदराबाद में कुछ ऐसा होगा जो आज से पहले कभी नहीं हुआ। आज दो train…

Collision between two trains

आज भारतीय रेल (Indian Railways) एक नया इतिहास रचेगा। आज सिकंदराबाद में कुछ ऐसा होगा जो आज से पहले कभी नहीं हुआ। आज दो train पूरी रफ्तार से उल्टी दिशा से एक दूसरे की और बढ़ेंगी और इनमें से एक train में खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) बैठेंगे।

जानिये आज क्या होगा खास?

आज स्वदेश निर्मित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ (Train Collision Protection System Kavach) का परीक्षण किया जाएगा, जिसमें दो train full speed के साथ उल्टी दिशा से एक दूसरे की तरफ बढ़ेंगी। एक ट्रेन में रेल मंत्री होंगे और दूसरी train में रेलवे बोर्ड के chairman मौजूद होंगे। लेकिन ‘कवच’ के कारण ये दोनों train टकराएंगी नहीं।

क्या है कवच? (What is Kavach)

‘कवच’ को रेलवे द्वारा दुनिया की सबसे सस्ती स्वचालित train टक्कर सुरक्षा प्रणाली के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। शून्य दुर्घटना के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे की मदद के लिए स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ATP) प्रणाली का निर्माण किया गया। कवच को इस तरह से बनाया गया है कि यह उस स्थिति में एक train को स्वचालित रूप से रोक देगा, जब उसे निर्धारित दूरी के भीतर उसी line पर दूसरी train के होने की जानकारी मिलेगी।

वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इस digital प्रणाली के कारण मानवी त्रुटियों जैसे कि लाल सिग्नल को नजरअंदाज करने या किसी अन्य खराबी पर train स्वत: रुक जायेगी। अधिकारियों ने कहा कि कवच के लगने पर संचालन खर्च 50 लाख रुपये प्रति किलोमीटर आएगा, जबकि वैश्विक स्तर पर इस तरह की सुरक्षा प्रणाली का खर्च प्रति किलोमीटर करीब दो करोड़ रुपये है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सनतनगर-शंकरपल्ली मार्ग पर system के परीक्षण का हिस्सा बनने के लिए सिकंदराबाद पहुंचेंगे। अधिकारी ने कहा, ‘रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष 4 march को होने वाले परीक्षण में भाग लेंगे। हम दिखाएंगे कि टक्कर सुरक्षा प्रणाली तीन स्थितियों में कैसे काम करती है – आमने-सामने की टक्कर, पीछे से टक्कर और खतरे का संकेत मिलने पर।

कवच प्रणाली में उच्च आवृत्ति के रेडियो संचार का उपयोग किया जाता है। अधिकारियों के मुताबिक कवच एसआईएल -4 (सुरक्षा मानक स्तर चार) के अनुरूप है जो किसी सुरक्षा प्रणाली का उच्चतम स्तर है। एक बार इस प्रणाली का शुभारंभ हो जाने पर 5 किलोमीटर की सीमा के भीतर की सभी ट्रेन बगल की पटरियों पर खड़ी ट्रेन की सुरक्षा के मद्देनजर रुक जायेंगी। कवच को 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति के लिए अनुमोदित किया गया है।