महाकुंभ 2025 में संगम तट पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। 144 साल बाद बने महासंयोग में संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए देशभर से भक्तों का आना जारी है। जहां श्रद्धालु आस्था और भक्ति में लीन होकर स्नान कर रहे हैं, वहीं इसी बीच एक रहस्यमय घटना ने सबका ध्यान आकर्षित किया है।
प्रयागराज में स्नान करने पहुंचे एक बुजुर्ग ने दावा किया है कि उन्हें संगम में एक चमत्कारी कछुआ मिला, जिसकी पीठ पर अंग्रेजी के अक्षर खुदे हुए थे। इस अनोखे कछुए की खबर फैलते ही दूर-दूर से लोग इसे देखने के लिए पहुंचने लगे हैं।
बुजुर्ग ने बताया कि जब वे संगम में डुबकी लगा रहे थे, तभी उनके पैरों के पास कुछ हलचल महसूस हुई। जिज्ञासावश उन्होंने पानी में हाथ डालकर देखा तो एक कछुआ उनके हाथ में आ गया। जब उन्होंने गौर किया, तो पाया कि कछुए की पीठ पर पीले रंग में A, B, C, D जैसे अंग्रेजी के अक्षर बने हुए थे। इस रहस्यमयी खोज से वे हैरान रह गए और इसे अपने साथ ले आए।
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोग इसे ईश्वरीय संकेत मान रहे हैं, तो कुछ इसे महज एक संयोग कह रहे हैं।
विश्वास करने वालों का कहना है कि यह कोई साधारण घटना नहीं, बल्कि महाकुंभ के दौरान होने वाला एक दिव्य चमत्कार है। उनका मानना है कि यह कछुआ कोई विशेष संकेत लेकर आया है।
संदेह करने वाले इसे अंधविश्वास बता रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह कछुए की प्राकृतिक बनावट का हिस्सा हो सकता है, जिसे मनगढ़ंत कहानी के रूप में पेश किया जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि संभवतः कछुए की पीठ पर प्राकृतिक कारणों से कोई आकृति बनी हो, जो अंग्रेजी अक्षरों जैसी दिखती हो। यह भी संभव है कि किसी ने पहले से ही इसे रंगकर या किसी रासायनिक प्रक्रिया से ऐसा रूप दे दिया हो। ऐसे में इस घटना की वास्तविकता पर सवाल उठ रहे हैं।
महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में कई रहस्यमयी और चमत्कारी घटनाओं की चर्चा होती रहती है। कई लोग इसे ईश्वर का संदेश मानते हैं, जबकि विज्ञान के नजरिए से देखा जाए, तो हर घटना के पीछे कोई न कोई तार्किक कारण होता है।
फिलहाल, कछुए की यह घटना श्रद्धालुओं के लिए आस्था और विज्ञान के बीच की बहस का विषय बनी हुई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि विशेषज्ञों की जांच के बाद इस दावे की सच्चाई क्या निकलती है – यह सच में एक चमत्कार है या केवल एक संयोग?