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अल्मोड़ा: लॉक डाउन के साइड इफेक्ट भी सामने आने लगे हैं। कोरोना महामारी के चलते चल रहे लॉक डाउन का असर चितई गोलू मंदिर(chitai temple) में दिख रहा है।
लॉक डाउन के चलते यहां शादियों का सीजन एकदम प्रभावित हो गया है। और पहले से तिथिपंजीकृत करीब 40 विवाह फिलहाल स्थगित कर दिये गए हैं। यदि लॉक डाउन और आगे बढ़ा तो अन्य कई विवाह समारोह जो इस मंदिर में प्रस्तावित हैं वह स्थगित करने पड़ सकते हैं।
मालूम हो कि बदलते दौर में चितई मंदिर विवाह आयोजनों का महत्वपूर्ण स्थल बनता जा रहा है। लोग घरों या होटलों के बजाय न्याय मंदिर चितई में विवाह समारोहों का आयोजन करना पसंद कर रह है। यह अपेक्षाकृत सस्ता भी पड़ता है और भगवान का स्थल होने के कारण लोग इसे पसंद भी करते हैं।
यहां मंदिर परिसर में भी बकायदा विवाह समारोहों के लिए पंडाल बनाए गए है। और कई बैंकट हॉल भी यहां खुल गये हैं जहां शादियों के सीजन में खूब रौनक रहती है। इसके अलावा कैटरिंग और भोजन तथा चाय पानी की व्यवस्था के काम के कारण कई दुकानें संचालित रहती है।
कहें तो कई लोग इसी कार्य में रमे है। और साल भर का पूरा खर्च शादियों के सीजन से होने वाली आय से ही पूरा करते हैं। आसपास के गांव पूरी तरह इस व्यवसाय में ही निर्भर हैं।
सीजन में मंदिर या परिसर के विवाह स्थलों में ही कई बार सैकड़ों आयोजन होते है। लेकिन इस बार लॉक डाउन के चलते मंदिर और मंदिर परिसर के अलावा पूरी बाजार बंद है।
मुख्य मंदिर में भी गेट में ताला लगा हुआ है बाजार में सूनसानी है। यही नहीं बैसाख यानी 13 अप्रैल से शुरू होने वाले विवाह सीजन पर भी इसकी मार पड़ी है। स्थानीय लोगों से पूछने पर पता लगा है कि शुरुआत में ही करीब 40 लोगों ने अपने विवाह तिथियों को फिलहाल पोस्टपांड कर दी है। यदि जल्द खुल भी जाए तो मई जून में ही यह आयोजन हो सकते हैं।
स्थानीय दुकानदारों या वैवाहिक स्थलों के संचालकों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर ही करीब 35 से 40 लोगों ने अपनी विवाह तिथियां स्थगित कर आगे की तिथि बताने की बात कही है।
स्थानीय दुकानदार रमेश चंन्द्र तिवारी का कहना है कि इसी दुकान से वह अपना पूरा खर्च चलाते हैं कई आयोजनों का कार्य उन्हें भी मिला था लेकिन लोगों ने अपने विवाह समारोह स्थगित कर दिए है। अब यदि लॉक डाउन आगे बढ़ा तो और भी आयोजन स्थगित हो गए तो और दिक्कत हो जाएगी।
इधर मंदिर के पुजार संतोष पंत ने कहा कि लोगों ने लॉक डाउन के चलते कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं। और इसकी मार भी शादी विवाह के आयोजनों पर पड़ी हैं और यदि ऐसा ही रहा तो इससे जुड़े लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।